स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 24 December 2019 01:14:53 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम का कल सुबह 11:45 बजे ओडिशा तट के एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। मिसाइल का तैनाती मोड में पूर्ण विन्यास के साथ मिशन के उद्देश्य को पूरा करते हुए हवा में लक्ष्य को भेदने के साथ उड़ान परीक्षण सफल रहा। इस कार्यक्रम की निगरानी ग्राउंड टेलीमेट्री सिस्टम, रेंज रडार सिस्टम, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम इत्यादि ने की। भारतीय रक्षा प्रणालियों की एक के बाद एक सफलता पर भारतीय रक्षा विज्ञानियों को बधाईयां मिल रही हैं।
क्यूआरएसएएम हथियार प्रणाली में पूरी तरह से स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली, सक्रिय व्यूह बैटरी निगरानी रडार, सक्रिय व्यूह बैटरी बहुक्रिया रडार और लांचर शामिल हैं। दोनों रडार चार दीवार वाले हैं, जो चारों दिशाओं में एक साथ नज़र रख सकते हैं। यह प्रणाली फायरिंग यूनिट के लिए न्यूनतम संख्या में वाहनों के साथ सुगठित है। डीआरडीओ की स्वदेशी रूपसे विकसित यह सिंगल स्टेज सॉलिड प्रोपेल्ड मिसाइल दोतरफा डेटा लिंक और खोज करने वाले सक्रिय टर्मिनल के साथ मिडकॉर्स इनर्सियल नेविगेशन प्रणाली है।
मिसाइल ने अपनी क्षमता को स्थापित करते हुए सफलतापूर्वक हवाई लक्ष्य को भेदा। परीक्षण के दौरान महानिदेशक (मिसाइल एवं सामरिक प्रणाली) एमएसआर प्रसाद भी मौजूद थे। इस मिशन के साथ हथियार प्रणाली के विकासात्मक परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया और वर्ष 2021 तक इसके पूरी तरह से तैयार होने की उम्मीद है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सचिव रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने क्यूआरएसएएम के विकास और उसके उड़ान परीक्षण में शामिल दलों को बधाई दी है।