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Monday 30 December 2019 01:11:22 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ ने 1980 और 1990 के दशक में पंजाब और त्रिपुरा से आतंकवाद को समाप्त करने और सीमावर्ती राज्यों में शांति बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नई दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों ने भारत को विखंडित करने के लिए यहां के युवाओं को दिग्भ्रमित और दो राज्यों में आतंकवाद भड़काने की पुरजोर कोशिशें कीं, लेकिन उनकी सभी कोशिशों को सीआरपीएफ ने बेअसर कर दिया। अमित शाह ने कहा कि चाहे नक्सलवाद हो या दंगे की स्थिति से निपटना हो या जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण तरीके से अमरनाथ यात्रा का संचालन करना हो या भारत की संसद को सुरक्षाचक्र उपलब्ध कराना हो, सीआरपीएफ के जवान हमेशा अग्रणी रहते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने जनसामान्य और बेहद वीआईपी को सुरक्षा प्रदान करने में लगे जवानों के लिए एक नया लोगो ‘गरुड़’ भी लॉन्च किया और कहा कि यह उन्हें एक नई पहचान देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अर्ध सैन्यबलों के कल्याण की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि अगस्त-सितम्बर 2020 तक ऐसी सभी योजनाओं को अंतिम आकार दे दिया जाएगा, जिनमें एक यह भी है कि सभी जवान 365 दिन में से कम से कम 100 दिन अपने परिजनों के साथ व्यतीत करेंगे। उन्होंने बताया कि एक कमेटी इस योजना पर काम कर रही है और इसे शीघ्र ही कार्यांवित करने के लिए सैन्यबलों के महानिदेशकों से सुझाव मांगे गए हैं। अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवानों के परिजनों को स्वास्थ्य जांच और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य कार्ड भी उपलब्ध कराने हेतु एम्स के साथ बातचीत कर रहा है, उनके लिए यात्रा एवं परिवहन के लिए एयर कैरियर सुविधाओं का विस्तार, त्वरित पदोन्नति के लिए 35 हजार से अधिक रिक्तियों का सृजन, नए पुरस्कारों का गठन और सीआरपीएफ के महानिदेशक को अधिक प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार सरकार के महत्वपूर्ण कदम हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार का यह मंत्र है कि जवान सरहदों की सुरक्षा का ध्यान रखें और उनके परिवार के कल्याण का ध्यान रखना सरकार की पूरी जिम्मेदारी है। अमित शाह ने अक्तूबर 1959 में चीन के साथ और 1965 में गुजरात के कच्छ की सरदार चौकी पर युद्ध सहित आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों पर लगभग 2184 सीआरपीएफ जवानों के सर्वोच्च बलिदान का स्मरण करते हुए कहा कि वे विश्व के सबसे बड़े और सबसे बहादुर बल के नए मुख्यालय का उद्घाटन करते हुए बहुत प्रसन्न हैं। उन्होंने बताया कि 2019 में भी सीआरपीएफ ने 75 बहादुरी पदक प्राप्त किए हैं, जो किसी भी सुरक्षा बल से सर्वाधिक हैं। अमित शाह ने कहा कि 280 करोड़ की लागत से बने नए भवन में सभी आधुनिक और हरित सुविधाएं होंगी, इसके अतिरिक्त साढ़े तीन लाख संख्या वाले इस बल की संचालनगत क्षमता को बढ़ाने के लिए आधुनिक प्रशिक्षण मॉड्यूल के साथ प्रभावी नियंत्रण एवं कमान प्रणाली भी होगी।