स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 5 January 2020 02:50:45 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रगति मैदान नई दिल्ली में विश्व पुस्तक मेला-2020 का उद्घाटन किया और कहा कि हम पुस्तकों के सागर में हैं, यह पुस्तकों का महाकुंभ भी है, जो उत्कृष्ट पुस्तकों और विचारों से समृद्ध है। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेले मानवता को बौद्धिक शक्ति और ज्ञान प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मेला ऐसी जगह है, जहां लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और नए विचार साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि किताबें युवाओं को नए विचारों के साथ आगे बढ़ने में मदद करती हैं। इस वर्ष पुस्तक मेले के विषय ‘गांधी: लेखकों के लेखक’ पर उन्होंने कहा कि हमें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है, तब जब हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती भी मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया आज आतंकवाद सहित कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि हम सभी को गांधीजी की दूरदृष्टि, शांति और अहिंसा के दर्शन की आवश्यकता है, जो पुस्तकों में है। उन्होंने पुस्तकें पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए प्रकाशकों से आग्रह किया और इस बात पर चिंता प्रकट की कि लोग किताबों से दूर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि एनडीडब्ल्यूबीएफ जैसा पुस्तक मेला सुनिश्चित करता है कि किताबें और पढ़ने की आदत कायम रहे। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला यकीनन एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है और उन्हें उम्मीद है कि यह मेला जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला बन जाएगा। कार्यक्रम के अतिथि और गांधीवादी विद्वान गिरीश्वर मिश्र ने महात्मा गांधी के जीवन और शिक्षाओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी मैन ऑफ सेंचुरी थे, उन्होंने गीता, कुरान और बाइबिल सहित अनेक पुस्तकों के व्यापक अध्ययन के कारण सत्य, शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाया।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर गोविंद प्रसाद शर्मा ने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के इस संस्करण के बारे में दर्शकों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है, पुस्तकें हमें दिशा देती हैं। कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव मदनमोहन, भारतीय व्यापार संवर्धन संस्थान के कार्यकारी निदेशक राजेश अग्रवाल एवं और भी कई अधिकारी उपस्थित थे। विश्व पुस्तक मेले के मूल विषय पर वक्ताओं का कहना था कि महात्मा गांधी एक सफल लेखक, संपादक और प्रकाशक भी थे, उन्होंने गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लेखन किया, उनके लेखन ने न केवल अहिंसा और शांति के दर्शन को प्रतिबिंबित किया, बल्कि देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य को भी एक अंतर्दृष्टि दी। इस वर्ष की थीम में पुस्तक प्रेमियों को इस बात की झलक दिखाने का प्रयास किया गया है कि महात्मा गांधी ने कैसे लेखकों को पीढ़ियों तक प्रभावित व प्रेरित किया और कैसे बाद के लेखकों ने उनकी प्रेरणा को शब्दों के माध्यम से लेखन में प्रकट किया।
विश्व पुस्तक मेले में विशेष रूपसे तैयार किए गए मंडप में गांधीजी पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में लिखी गई 500 पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें साबरमती आश्रम से प्रेरित विशेष रूपसे डिजाइन मंडप में विभिन्न भारतीय भाषाओं में 100 प्रकाशकों की 500 पुस्तकों की एक विशेष प्रदर्शनी भी शामिल है, साथ ही 30 पैनल चर्चाएं, पुस्तक विमोचन और विषय से संबंधित प्रदर्शन भी होंगे। थीम मंडप में प्रदर्शन के लिए अभिलेखीय सामग्री नवजीवन ट्रस्ट अहमदाबाद और राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय नई दिल्ली की हैं। विश्व पुस्तक मेले में अन्य लेखकों के अलावा कुछ प्रख्यात लेखकों एवं साहित्यिक हस्तियों अनिर्बान गांगुली, भावना सोमैया, केविन मिसेल, मधुलिका दत्ता, मनोषी सिन्हा रावल, सुधा मूती, सुमित दत्त मजुमदार आदि से आगंतुकों और पुस्तक प्रेमियों को संवाद करने का अवसर प्राप्त होगा। इस बार तीन विशेष कॉर्नर हैं, जिनमें इंटरनेशनल इवेंट्स कॉर्नर हॉल संख्या 7 ए, रिफ्लेक्शंस हॉल संख्या 8 तथा लेखक मंच हॉल संख्या 12 शामिल हैं।
विश्व पुस्तक मेले के दौरान विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रम, लेखक और विद्वानों के साथ संवाद, परिचर्चा, बाल-गतिविधियां, पुस्तक विमोचन, मेले की थीम पर फिल्म का प्रदर्शन और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें भाग लेने वाली प्रमुख हस्तियां डॉ राकेश पांडे, डॉ वर्षा दास, अफलातून, अविनाश दुबे, फिरोज खान, फिरोजा खान, सुरेश शर्मा, राजीव श्रीवास्तव, राजीव राज, शशिप्रभा तिवारी, प्रोफेसर अख्तरुल वासे, प्रोफेसर रिजवान कैसर, डॉ एम विलियम भास्करन, डॉ रविचंद्रन, डॉ सच्चिदानंद जोशी, पूर्व न्यायमूर्ति नरेंद्र चपलगांवकर, मिस दीना पटेल, अन्नामलाई, डॉ सुमेर सिंह सिद्धू, डॉ खुशवंत सिंह, बरगदी इत्यादि को सुनने और संवाद करने का अवसर प्राप्त होगा। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत ने ऑल इंडिया कॉन्फेडेरेशन ऑफ ब्लाइंड के सहयोग से दृष्टिबाधित पाठकों हेतु भी ब्रेल पुस्तकों का प्रकाशन किया है। हिंदी, अंग्रेजी तथा कई और भारतीय भाषाओं में अब तक लगभग 250 ब्रेल पुस्तकें प्रकाशित की जा चुकी हैं। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने हेतु राष्ट्रीय पुस्तक न्यास तथा ऑल इंडिया कॉन्फेडेरेशन ऑफ ब्लाइंड के बीच समझौत किया गया है, जिसके अंतर्गत एनबीटी के वार्षिक प्रकाशन कार्यक्रम के तहत विभिन्न भारतीय भाषाओं में ब्रेल की और अधिक पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी। एनबीटी इन पुस्तकों का द्विभाषी अंग्रेजी-हिंदी सूची-पत्र भी प्रकाशित करेगा। इन पुस्तकों का विशेष प्रदर्शन हाल नंबर-7 में किया जाएगा।
विश्व पुस्तक मेले में बच्चों एवं युवाओं में पुस्तकों एवं पठन के प्रसार हेतु एनबीटी के बाल मंडप हॉल संख्या 7 में बालोपयोगी गतिविधियां हो रही हैं, जैसे-संगोष्ठियां, पैनल चर्चाएं, रचनात्मक लेखन, कथावाचन-सत्र सृजनात्मक लेखन एवं चित्रकारी पर आधारित कार्यशालाएं आदि। इस मंडप को स्पर्शनीय एवं मूक पुस्तकों के पैनल से विशेष तौर पर सजाया गया है। मंडप पर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए ‘करियर गाइडेंस’ सत्र भी आयोजित किया जाएगा। इन गतिविधियों में अनेक स्कूल एवं स्वयंसेवी संगठन भी भाग ले रहे हैं। विदेशी मंडप हॉल 7 एबीसी में अबूधाबी, चीन, मिश्र, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, ईरान, जापान, इटली, मेक्सिको, शारजाह, नेपाल, पोलैंड, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्पेन, श्रीलंका, लैटिन अमेरिका व कैरिबियन देश, संयुक्तराज्य अमेरिका, ब्रिटेन सहित 20 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। वे प्रतिलिप्याधिकार मंच और इंटरनेशनल इवेंट्स कॉर्नर में भी भाग लेंगे। इसके अलावा पुस्तक मेले में बी-2-बी गतिविधियां, विशेष फोटो प्रदर्शनियां भी आयोजित की जा रही हैं।