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Tuesday 7 January 2020 02:13:07 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की अनुमति से एरियल फोटाग्राफी और रिमोट सेंसिंग सर्वे के लिए रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल करने की प्रक्रिया सहज और आसान बनाने के लिए मंत्रालय की ओर से एक नया वेबपोर्टल जारी किया है। रक्षामंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल करने में लगने वाले समय की निगरानी के लिए एक आंतरिक प्रकिया विकसित करना जरूरी है, इसे ध्यान में रखते हुए ही यह वेबपोर्टल बनाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस बारे में अंतिम अनुमति नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से लेनी होगी। वेबपोर्टल का लिंक www.modnoc.ncog.gov.in है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्वायत्त संस्थाओं के विभिन्न वेंडर एरियल फोटोग्राफी और रिमोट सेंसिंग के माध्यम से सर्वे के लिए रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल करने के वास्ते इस पोर्टल का इस्तेमाल कर सकेंगे। रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के प्लेटफार्म पर बनाए गए इस पोर्टल की मुख्य विशेषताओं और लाभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से रक्षा मंत्रालय आमतौर पर अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने में लगने वाले समय को काफी कम कर सकेगा, इसके अतिरिक्त यह पहल विभिन्न एजेंसियों की विकासात्मक परियोजनाओं को गति देने में मदद करेगी, यह हवाई सर्वेक्षणों में अधिक पारदर्शिता और सटीकता को भी सुनिश्चित करेगा।
रक्षा सचिव ने डीजीसीए से अनुरोध किया कि वह इस बारे में सभी संबंधित पक्षों के नाम दे, ताकि वे अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए अपने ऑनलाइन आवेदन रक्षा मंत्रालय के नए वेबपोर्टल के जरिए जमा कर सकें। आवेदकों की सुविधा के लिए वेबपोर्टल पर एक ई-बुक भी अपलोड की गई है, जिसमें आवदेन करने की समूची प्रक्रिया की जानकारी दी गई है। गौरतलब है कि अनापत्ति प्रमाण पत्र, जिसे लोकप्रिय रूपसे एनओसी के रूपमें संक्षिप्त किया जाता है, किसी भी एजेंसी, संगठन, संस्थान या कुछ मामलों में किसी व्यक्ति द्वारा जारी किया गया कानूनी प्रमाणपत्र है। यह प्रमाणपत्र की वाचाओं पर आपत्ति नहीं करता है। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, रक्षा मंत्रालय, इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नागर विमानन महानिदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।