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उपराष्ट्रपति विश्वविद्यालयों में अशांति पर चिंतित!

भारत को उच्च शिक्षा का वैश्विक हब बनाने का आह्वान किया

बेंगलुरु में एनएएसी के रजत जयंती समारोह में संबोधन

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Wednesday 8 January 2020 01:31:08 PM

vice president m. venkaiah naidu addressing at naac's silver jubilee celebrations

बेंगलुरु। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश में कुछ विश्वविद्यालयों के अशांत वातावरण के प्रति चिंता व्यक्त की और शांति बनाए रखने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान शिक्षा प्राप्ति के पवित्र संस्थान होते हैं, उनको अनुशासन और शालीनता के उच्च मानकों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और पाठ्यक्रम संबंधी कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए न कि उन्हें विभाजनकारी प्रवृत्तियों और गुटबाजी का स्थान बनना चाहिए। बेंगलुरु में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद यानी एनएएएसी के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए वेंकैया नायडू ने भारत को उच्च शिक्षा का वैश्विक हब बनाने का आह्वान करते हुए विश्वविद्यालयों, शिक्षाविदों तथा नीति निर्माताओं से शैक्षणिक मानकों को विश्व के अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के समानस्तर पर लाने का आग्रह किया है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय को 100 अग्रणी वैश्विक संस्थानों में स्थान प्राप्त नहीं हुआ है। इसपर उन्होंने कहा कि एनएएएसी और यूजीसी को शिक्षा प्रणाली पर फिरसे विचार करना चाहिए, इसकी कमियों को दूर करना चाहिए तथा 21वीं शताब्दी की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रमों में बदलाव करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा प्रणाली की यह जिम्मेदारी है कि वह मॉडल वैश्विक नागरिक तैयार करे, जो एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान कर सकें। उन्होंने कहा कि जो छात्र पढ़ाई पूरी करके संस्थान छोड़ते हैं, उनमें समाज के प्रति संवेदना और जिम्मेदारी होनी चाहिए। वेंकैया नायडू ने कहा कि महात्मा गांधी के विचार से बिना चरित्र के ज्ञान एक पाप है, आज ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है, जो नैतिक मूल्यों और करुणा की भावना जगाने में सक्षम है, जो छात्रों को भारत की स्वर्णित विरासत, संस्कृति और इतिहास के प्रति जागरुक बना सके।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत के प्राचीन शिक्षा स्थल नालंदा, विक्रमशिला और तक्षशिला की विश्वस्तर पर प्रतिष्ठा थी, विश्वविद्यालयों को प्राचीन वैभव प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। वेंकैया नायडू ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को ऐसे उत्कृष्टता केंद्र में परिणत होने का आग्रह किया, जहां छात्र एक सफल और सुखद जीवन के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और मनोवृत्ति प्राप्त करते हैं। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला, एनएएसी के निदेशक प्रोफेसर एससी शर्मा, सलाहकार डॉ अमीय कुमार रथ, और भी कई विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद और प्रोफेसर उपस्थित थे।

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