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भारत असीमित संभावनाओं वाला देश-मोदी

बजट पूर्व अर्थशास्त्रियों व वित्तीय विशेषज्ञों के साथ बैठक

पांच ट्रिलियन अर्थव्‍यवस्‍था के लक्ष्‍य प्राप्ति का आह्वान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 10 January 2020 04:13:30 PM

narendra modi interacting with the economists and experts in a meeting

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था के लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए सभी हितधारकों से फोकस के साथ ठोस और अथक प्रयास करने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री ने वरिष्‍ठ अर्थशास्त्रियों, प्राइवेट इक्विटी/ उद्यम पूंजीपतियों, विनिर्माण, यात्रा एवं पर्यटन, परिधान व एफएमसीजी तथा एनालिटिक्स क्षेत्रों की कारोबारी हस्तियों और कृषि, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ संवाद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्‍हें इस बात से अत्‍यंत प्रसन्‍नता है कि परिचर्चा के दौरान जमीनी स्‍तर पर कार्य कर रहे लोगों के साथ-साथ अपने-अपने विशिष्‍ट क्षेत्रों में कार्य कर रही हस्तियों के भी अनुभवों से रू-ब-रू होने का अवसर मिला है। उन्‍होंने कहा कि इससे नीति निर्माताओं और विभिन्‍न हितधारकों के बीच सामंजस्‍य बढ़ेगा। यह बैठक बजट पूर्व पहल के तहत नई दिल्‍ली स्थित नीति आयोग में आयोजित की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था का आइडिया अचानक नहीं आया है, बल्कि यह देश की अंतर्निहित मजबूती की गहरी समझ पर आधारित है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में खपत करने की सुदृढ़ क्षमता घरेलू अर्थव्‍यवस्‍था के बुनियादी तत्‍वों की मजबूती के साथ-साथ इसके फिरसे तेज विकास के पथ पर अग्रसर होने की क्षमता को भी दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्‍न सेक्‍टरों जैसेकि पर्यटन, शहरी विकास, बुनियादी ढांचागत क्षेत्र और कृषि आधारित उद्योगों में अर्थव्‍यवस्‍था को आगे ले जाने के साथ-साथ रोज़गार सृजन की भी अपार क्षमता है। उन्‍होंने कहा कि खुली परिचर्चाओं के साथ-साथ इस तरह के फोरम में विचार मंथन से सकारात्‍मक विचार-विमर्श और विभिन्‍न मुद्दों की गहरी समझ विकसित होने का मार्ग प्रशस्‍त होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे सकारात्‍मक माहौल को बढ़ावा मिलेगा, इसके साथ ही समाज में इस तरह की भावना पनपेगी कि ‘हम यह कर सकते हैं’।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को असीमित संभावनाओं वाला देश बताते हुए हितधारकों से वास्‍तविकता एवं अवधारणा के बीच की खाई को पाटने के लिए अपनी ओर से अथक प्रयास करने का अनुरोध किया। उन्‍होंने कहा कि हम सभी को निश्चित तौरपर मिल-जुलकर काम करना चाहिए और एक राष्ट्र की तरह सोचना चाहिए। इन परिचर्चाओं में 38 प्रतिनधियों ने भाग लिया, जिनमें विभिन्‍न अर्थशास्‍त्री शंकर आचार्य, आर नागराज, फरजाना अफरीदी, वेंचर कैपिटलिस्ट प्रदीप शाह, उद्योगपति अप्पाराव मल्लवरापु, दीप कालरा, पतंजलि गोविंद केसवानी, दीपक सेठ, श्रीकुमार मिश्रा, विषय विशेषज्ञ आशीष धवन और शिव सरीन भी शामिल थे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल और राजमंत्री नरेंद्र तोमर, विभिन्‍न मंत्रालयों के सचिव, नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष राजीव कुमार और नीति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने भी बैठक में भाग लिया।

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