स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 11 January 2020 06:00:01 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने नागरिक शिकायत निवारण पर फेसबुक लाइव सेशन में भाग लेते हुए कहा है कि सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि फेसबुक पर माईगोव लाइव प्लेटफार्म की शुरूआत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन मिशन की दिशा में ई-गवर्नेंस साधनों के विकास के जरिए देश ने महान प्रगति हासिल की है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अंतिम कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है, इससे अधिकतम पहुंच प्राप्त करने, शासन में पारदर्शिता लाने और नागरिकों के साथ सीधे संवाद करने में मदद मिलेगी।
एक घंटे के लाइव कार्यक्रम के दौरान प्रश्नों के ऑनलाइन उत्तर देते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने भरोसा दिलाया कि केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण एवं निरीक्षण प्रणाली पोर्टल में भारतीय भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने में नागरिकों की सहायता करने के प्रयास किए जा रहे हैं और इस प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि अनेक राज्यों ने पहले ही इस मॉडल का अनुसरण कर लिया है और कुछ राज्यों में अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने के प्रावधान हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि हाल ही में बनाए गए संघशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संघशासित प्रदेश शिकायत निवारण प्रकोष्ठ आवाज़-ए-आम के आरंभ के साथ लंबी छलांग लगाई गई है और इसे जल्द ही इस पोर्टल के साथ जोड़ दिया जाएगा। लाइव प्रोग्राम के दौरान 8,000 से अधिक दर्शकों के साथ बातचीत करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने नागरिकों को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के संचालित नागरिक शिकायत निवारण के लिए डेटा चालित नवाचार पर प्रथम ऑनलाइन हैकथॉन में अपनी प्रविष्टियां प्रस्तुत करने की अपील की।
डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले साल 5 नवंबर को एक डीएआरपीजी कार्यशाला में हैकथॉन को लाइव किया गया था और इसमें 1,329 पंजीकृत टीमों ने 53 से अधिक प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे। लोगों की मांग पर हैकाथॉन की अवधि दो दिन तक बढ़ाई गई थी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रतिक्रिया अद्भुत रही है और मैंने जेनएक्स से अपील की है कि वह सार्वजनिक शिकायत तंत्र में सुधार लाने के लिए नवाचारी ऐप्स को डिजाइन करने के लिए कृत्रिम आसूचना के संबंध में अपने विचारों को सामने लाए। डीएआरपीजी सचिव डॉ छत्रपति शिवाजी ने कहा कि विभाग का प्रयास प्रभावी और कुशल समाधानों के माध्यम से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने है। उन्होंने कहा कि पथप्रदर्शक नवाचारों से सरकार को आपके द्वार तक आने में मदद मिलेगी, आपको अपनी शिकायतों के निवारण के लिए एक जगह से दूसरी जगह दौड़-धूप करने की आवश्यकता नहीं होगी।
डीएआरपीजी के अपर सचिव वी श्रीनिवास ने बताया कि हैकथॉन के दौरान 13 पुरस्कारों की पेशकश की गई है। उन्होंने कहा कि तीन सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को 1 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार 50,000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार और 25,000 रुपये का तृतीय पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा 10,000 रुपये के दस सांत्वना पुरस्कार तथा जांच समिति की ओर से जूरी स्टेज पर पहुंचने वाले सभी प्रतिभागियों को योग्यता प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे। ये पुरस्कार 7-8 फरवरी 2020 को मुंबई में होने वाले ई-गवर्नेंस के 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान राज्यमंत्री प्रदान करेंगे। माई गोव इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि यह सार्वजनिक शिकायतों पर प्रथम हैकथॉन है और इसने नागरिकों के साथ परस्पर संवाद का अवसर प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि माई गोव पोर्टल के पास एक करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं का आधार है। डॉ जितेंद्र सिंह के साथ फेसबुक लाइव सत्र में उप महानिदेशक राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र अलका मिश्रा ने भी भाग लिया।