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Monday 13 January 2020 04:35:13 PM
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने 5 हजार से ज्यादा उपयोगकर्ताओं के लिए अपनी 58 यूनिटों में राष्ट्रीय सूचना केंद्र के ई-ऑफिस का पहला चरण सफलतापूर्वक लागू करने के बाद दूसरे चरण के क्रियांवयन के लिए रेलटेल के साथ एक सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। रेलटेल रेल मंत्रालय का मिनिरत्न उपक्रम है। दूसरे चरण में रेलटेल 30 जून तक एनआईसी के ई-ऑफिस प्लेटफार्म पर 39000 से ज्यादा उपयोगकर्ताओं का पंजीकरण करेगा। एनआईसी के ई-ऑफिस का पहला चरण मार्च 2020 तक पूरा किए जाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था, लेकिन इसे समय से पहले द्रुत गति से पूरा करते हुए रेलवे की 58 यूनिटों में 5 हजार से ज्यादा उपयोगकर्ताओं को सफलतापूर्वक पंजीकृत कर लिया गया है।
ई-ऑफिस प्लेटफार्म को सही तरीके से संचालित करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का काम भी महज छह महीने में पूरा कर लिया गया। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक उमेश कुमार बलोंडा और रेलटेल की आईटी विभाग की महाप्रबंधक हरितिमा जयपुरिया ने सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव, रेलवे बोर्ड के एसएंडटी के सदस्य प्रदीप कुमार और रेलटेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पुनीत चावला, रेलवे और रेलटेल के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि ई-ऑफिस राष्ट्रीय सूचना केंद्र की ओर से विकसित किया गया क्लाउड आधारित साफ्टवेयर है, जिसे रेलटेल के गुरूग्राम और सिंकदराबाद स्थित टीयर तीन अधिकृत केंद्र की ओर से अपलोड किया गया है।
यह केंद्रीय सचिवालय की ई-आफिस प्रक्रिया नियमावली पर आधारित है। मौजूदा समय ई-ऑफिस के जिन चार माड्यूलों को लागू किया गया है, उनमें फाइल मैनेजमेंट सिस्टम नॉलेज, मैनेजमेंट सिस्टम कोलैबोरेशन एंड मेसेजिंग सर्विस और पर्सनल इनफारमेशन मैनेजमेंट सिस्टम शामिल है। ई-ऑफिस न केवल कार्यालयों में कागज़ के बगैर काम करने की संस्कृति को बढ़ावा देगा, बल्कि परिचालन खर्चे घटाएगा और साथ ही कार्बन उत्सर्जन में भी कमी लाएगा, जो दुनिया की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है और सीधेतौर देश के प्रत्येक नागरिक को प्रभावित कर रही है।