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नई दिल्ली में सड़क सुरक्षा हितधारक सम्‍मेलन

सड़क यातायात को सुरक्षित बनाने में सहयोग करें-गडकरी

दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुधारात्‍मक उपाय पर काम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 14 January 2020 02:44:54 PM

road safety stakeholders conference in new delhi

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नई दिल्‍ली में सड़क सुरक्षा हितधारक सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि सड़क सुरक्षा पर विभिन्न जागरुकता गतिविधियों में समुदायों और हितधारकों को शामिल करने के माध्यम से सड़क दुर्घटना के खतरों को कम करने के प्रयास जारी हैं और हर किसी को सड़क मार्ग सुरक्षित बनाने में सहयोग के लिए प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए। नितिन गडकरी ने सम्‍मेलन में आए छात्रों का देश के युवाओं के व्यवहार में व्‍यापक बदलाव लाने के लिए सड़क सुरक्षा के ब्रांड एंबेसडर बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय सड़क यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, सड़क दुर्घटनाओं से युवा सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय की सड़क दुर्घटनाओं का एकीकृत डेटा बेस परियोजना न केवल अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम अभ्यास पर आधारित विश्लेषणात्मक क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि संबंधित राजमार्ग प्राधिकरणों के माध्‍यम से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुधारात्‍मक उपाय करने में भी मदद करेगी। उन्‍होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े एकत्र करने के लिए राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभागों को 30 हजार से ज्‍यादा टैबलेट उपलब्‍ध कराए जाएंगे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी सम्मेलन में उपस्थित थे। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में मौतों पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि यह संख्‍या प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मौतों से भी कहीं बहुत ज्‍यादा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है कि 2018 में देश में सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वालों की संख्‍या करीब डेढ़ लाख थी और जो बड़ी संख्या में घायल हुए वो अलग हैं। उन्‍होंने कहा कि ज्‍यादातर मौतें तेज गति से वाहन चलाने की वजह से हुईं, तेज गति ने करीब 97500 लोगों की जान ली। उन्‍होंने कहा कि दुर्घटनाओं से केवल आर्थिक प्रभाव ही नहीं पड़ता, बल्कि यह दुर्घटना पीड़ितों के परिजनों पर मानसिक और भावनात्‍मकरूप से भी असर डालती है। रक्षामंत्री ने लोगों से सुरक्षा उपाय अपनाने का संकल्‍प लेने का आह्वान किया और कहा कि उन्‍हें सड़क दुर्घटनाओं पीड़ितों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्‍होंने युवाओं से सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों को जागरुकता बनाने के लिए व्‍हाट्सऐप, फेसबुक और इंस्‍टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म का इस्‍तेमाल करने की अपील की। राजनाथ सिंह ने कहा कि कार चलाते समय मोबाइल फोन का इस्‍तेमाल एक बड़ी समस्‍या बन चुका है। उन्‍होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक का इस्‍तेमाल लोगों का जीवन सुरक्षित बनाने के लिए होना चाहिए।
सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री डॉ वीके सिंह ने कहा कि सरकार सड़कों की इंजीनियरिंग में सुधार लाने, दुर्घटनाओं में मदद के लिए आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाने तथा नागरिकों के लिए जागरुकता अभियान चलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्‍होंने कहा कि हालांकि अकेले सरकार के प्रयास पर्याप्त नहीं होंगे, इसके लिए बड़े पैमाने पर नागरिकों को सहयोग करना पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को एक सामाजिक आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं, जिसमें सड़कों पर ब्लैक स्पॉट वाले स्‍थानों में सुधार लाना, सड़कों के निर्माण को बेहतर बनाना, वाहन चालकों को प्रशिक्षण तथा जागरुकता अभियान आदि शामिल हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव डॉ संजीव रंजन ने कहा कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम-2019 सड़क सुरक्षा के विभिन्न स्तंभों में बहुआयामी रणनीतियों के कार्यांवयन की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है, अधिनियम में यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए सख्त दंड का प्रावधान है, इसमें दुर्घटना के तुरंत बाद बेहद कठिन समय में दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस उपचार का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सरकार ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए प्रावधान बनाकर ई-गवर्नेंस को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
डॉ संजीव रंजन ने कहा कि अब केंद्र सरकार इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और प्रवर्तन के लिए नियम बना सकती है, जिसे अपने यहां लागू कर राज्य सरकारें राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और शहरी शहरों में नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सड़क सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं। उन्‍होंने कहा कि जिला सड़क सुरक्षा समिति का पुनर्गठन किया गया है, ताकि सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जागरुकता बढ़ाने के उपायों को लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह समिति अब सांसद सड़क सुरक्षा समिति के नाम से जानी जाएगी और सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने वाले लोगों को किसी भी नागरिक या आपराधिक कार्रवाई से सुरक्षित रखने के लिए भी मोटर वाहन संशोधन अधिनियम-2019 में पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था की गई है। यह व्‍यवस्‍था सर्वोच्च न्यायालय और सड़क परिवहन तथा राष्‍ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आधार पर की गई है। नितिन गडकरी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सड़क सुरक्षा संकल्‍प भी दिलाया। इस अवसर पर कानून के अच्‍छे पालन के संबंध में सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए रेहाना नामक एक लघु फिल्म भी जारी की गई।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की सड़क दुर्घटना रिपोर्ट-2018 के आधार पर तमिलनाडु राज्य को सड़क सुरक्षा के रूपमें श्रेष्‍ठ प्रदर्शन करने वाला राज्‍य चुना गया है। तमिलनाडु को सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित मृत्‍युदर में सबसे अधिक कमी लाने के लिए यह पुरस्‍कार दिया गया है। तमिलनाडु में 2018 में 3,941 मौतें सड़क दुर्घटना में हुई है, जो 2017 की तुलना में 24.4 प्रतिशत की कमी को दर्शाती हैं। राज्य के सराहनीय कार्य को मान्‍यता देते हुए मंत्रियों ने तमिलनाडु को सड़क सुरक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य का पुरस्कार प्रदान किया है, जिसे परिवहन मंत्री एमआर विजयाभास्‍कर के नेतृत्व वाली टीम ने प्राप्त किया। सम्मेलन में राजमार्ग क्षेत्र में सड़क सुरक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी-बीएचयू के साथ समझौता ज्ञापन दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया। आईएएचई, सीआआरआई, आईआईटी, एनआईटी, एनएटीपीएसी जैसे आईआरसी जैसे प्रशिक्ष्‍ाण संस्‍थानों के साथ 10 समझौता ज्ञापनों का आदान प्रदान हुआ।
समझौता ज्ञापन पेशेवरों व इंजीनियरों को सड़क सुरक्षा और सुरक्षा लेखा परीक्षा के बारे में 15 दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के बारे में है। ये समझौता ज्ञापन तकनीकी उन्नयन, नई सामग्री व प्रौद्योगिकी की शुरुआत करने, सड़क सुरक्षा इंजीनियरिंग, राजमार्ग विकास और रखरखाव और संचालनों में सुधार लाने, राजमार्ग क्षेत्र में उद्योग और अकादमिक बातचीत की संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायता प्रदान करेंगे। यह मंत्रालय की विशिष्‍ट पहल है, जिसका उद्देश्‍य सड़क सुरक्षा और राजमार्गों की सुरक्षा लेखा परीक्षा के लिए पूरे देश में अच्छी तरह से प्रशिक्षित विशेषज्ञ और जानकार लेखा परीक्षकों के एक पूल का सृजन करना है। राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने मंत्रालय एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना का भी उद्घाटन किया। यह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास की सहायता तथा एनआईसी और विश्‍व बैंक की मदद से विकसित और लागू की जा रही एक मजबूत सड़क दुर्घटना डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली है। इससे राज्य और केंद्र, सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित जानकारियों को समझने, सड़क दुर्घटनाओं के मूल कारणों का विश्लेषण करने तथा दुर्घटनाओं को कम करने के लिए डेटा-नेतृत्व वाले सड़क सुरक्षा उपायों को विकसित और लागू करने में सक्षम होंगे। दुर्घटना डेटा सड़क सुरक्षा परिदृश्यों का आकलन करने और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेपों को लागू करने का आधार प्रदान करता है।
दुर्घटना डेटाबेस वैज्ञानिक सड़क सुरक्षा प्रबंधन अर्जित करने की दिशा में पहला कदम है। एक आदर्श डेटाबेस को व्यापक बनाने की आवश्यकता है, ताकि न केवल सांख्यिकीय जरूरतें ही पूरी हों बल्कि दुर्घटना में कमी के लाने के उपायों की योजना बनाने में भी सहायता मिल सके। यह प्रणाली पूरे देश में विभिन्न प्रकार की सड़कों यानी राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों, शहर की सड़कों आदि के बारे में डेटा एकत्र कर सकती हैं। आईआरएडी एक व्यापक वेब-आधारित आईटी समाधान होगा और इससे पुलिस, पीडब्‍ल्‍यूडी, एनएचएआई जैसी विभिन्‍न एजेंसियों को जांच, सड़क इंजीनियरिंग, वाहन स्थिति जैसे विभिन्‍न परिपेक्ष्‍यों सहित सड़क दुर्घटनाओं के बारे में विवरण डालने में सक्षम बनाएगा। यह प्रणाली पहले छह राज्‍यों यानी कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में शुरु की जाएगी, क्‍योंकि इन राज्‍यों में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्‍या सबसे अधिक है। इस अवसर पर दक्षिण एशिया के विश्व बैंक के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, राज्यों के परिवहन आयुक्त, राज्यों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, डीन (आईसी एंड एसआर) आईआईटीमद्रास और महानिदेशक (एनआईसी) भी उपस्थित थे।
यह आयोजन सड़क सुरक्षा में सुधार लाने और सड़क सुरक्षा के मामले में सभी हितधारकों को योगदान प्रदान करने के बारे में आम जनता तथा विशेष रूपसे युवाओं में जागरुकता पैदा करने के लिए पूरे देश में 11 से 17 जनवरी 2020 तक मनाए जा रहे 31वें राष्‍ट्रीय सड़क सुरक्षा का एक हिस्‍सा है। इस सप्‍ताह के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के विभिन्‍न कारणों तथा उन्‍हें रोकने के बारे में जागरुकता पैदा करने के बारे में प्रकाश डाला जाएगा। इसके लिए स्‍कूल व कॉलेज छात्रों, चालकों और सभी अन्‍य सड़क उपयोगकर्ताओं के साथ विभिन्‍न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इन गतिविधियों में बैनर, वॉकथॉन, रोड चिन्हों का प्रदर्शन सड़क सुरक्षा से संबंधित पर्चे बांटना शामिल हैं। राज्य सरकारों के परिवहन, पुलिस, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य, शिक्षा, नगरनिगम निकाय जैसे विभिन्‍न विभाग, वाहन निर्माता और डीलर, ट्रांसपोर्टरों की एसोसिएशन, डॉक्टर, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम, कॉर्पोरेट और विभिन्न गैर सरकारी संगठन जैसे विभिन्न हितधारक सड़क सुरक्षा के दौरान आयोजनों में भाग ले रहे हैं।
स्वच्छ भारत विज़न और मिशन के साथ स्वच्छ भारत अभियान के तहत 1 जनवरी-2020 से 15 जनवरी 2020 तक स्वच्छता पखवाड़े का भी आयोजन किया जा रहा है। टोल प्‍लाजाओं के पास राष्ट्रीय राजमार्गों के पास एकत्र किए गए प्‍लास्टिक कचरे का सड़क निर्माण में अभिनव उपयोग के बारे में एनएचएआई की एक लघु फिल्म भी दर्शकों को दिखाई गई। जनवरी-2019 के पहले पखवाड़े के दौरान स्वच्छता पखवाड़े में स्वच्छता में सुधार लाने के लिए अनुकरणीय प्रदर्शन करने वाले एनएचएआई एवं एनएचआईडीसीएल के क्षेत्रीय कार्यालयों व शाखा कार्यालयों को स्वच्छता पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

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