स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 18 January 2020 04:00:24 PM
लखनऊ। एसटीएफ उत्तर प्रदेश ने मुम्बई सीरियल ब्लास्ट 1993, राजधानी एक्सप्रेस ब्लास्ट, पुणे सीरियल ब्लास्ट सहित 90 के दशक में देशभर में 50 से अधिक बम विस्फोटों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने वाला सीरियल ब्लास्टों का मास्टरमाइंड डॉ जलीश अंसारी गिरफ्तार कर लिया है। वह पैरोल पर आकर भारत से नेपाल के रास्ते भाग जाने वाला था। एमबीबीएस डॉक्टर जलीश अंसारी राष्ट्रविरोधियों के संपर्क में आकर पाकिस्तान चला गया था और वहां उसने चिकित्सा के बजाए घातक बम और आग्नेयास्त्र बनाने सीखे एवं बनाए और भारत आकर सीरियल ब्लास्टों को अंजाम दिया। उसका पूरा विवरण है-डॉ जलीश अंसारी पुत्र सफीउल्लाह निवासी मकान नंबर 36, बीआईटी चॉल 1, मोमिनपुरा एमएस अंसारी मार्ग मुम्बई (महाराष्ट्र)। एसटीएफ को डॉ जलीश अंसारी के पास से आधार कार्ड, 1 पाकेट डायरी, 1 मोबाइल फोन और 47,780 रुपये बरामद हुए हैं।
नब्बे के दशक में मुंबई सीरियल ब्लास्ट वर्ष-1993, राजधानी एक्सप्रेस ब्लास्ट, पुणे सीरियल ब्लास्ट सहित देशभर में 50 से अधिक बम विस्फोटों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने वाला सीरियल ब्लास्टों का यह मास्टरमाइंड सेंट्रल जेल अजमेर में न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध था, जो वर्ष 1993 मुम्बई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में कोटा एवं कानपुर के ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। डॉ जलीश अंसारी 26 दिसम्बर 2019 को 21 दिन की पैरोल पर अजमेर जेल से छूटा था। नियमानुसार उसे पैरोल अवधि में प्रत्येक दिन 10 से 12 बजे पूर्वाह्न के मध्य स्थानीय थाने में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी अनिवार्य थी तथा 17 जनवरी 2020 को पुन: जेल वापस पहुंचना था परंतु 16 जनवरी 2020 की प्रात: ही वह अपने अगटीपाड़ा मुम्बई आवास से अचानक गायब हो गया। इस सम्बंध में एटीएस मुम्बई ने 16 जनवरी 2020 की रात्रि लगभग 11 बजे सूचित करते हुए डॉ जलीश अंसारी को गिरफ्तार करने में अपेक्षित सहयोग हेतु अनुरोध किया था तथा उसकी उत्तर प्रदेश में उसके ग्राम अमरडोवा पोस्ट बकीरा जनपद संतकबीरनगर जाने की सम्भावना भी व्यक्त की गई थी। डॉ जलीश अंसारी के पलायन करने पर देशभर में रेड एलर्ट भी जारी किया गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश एवं प्रभारी पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने एसटीएफ टीम को कार्रवाई हेतु निर्देशित करते हुए जनपद संतकबीरनगर, बस्ती, कानपुर नगर, लखनऊ के पुलिस अधीक्षकों एवं जीआरपी थानों से समन्वय स्थापित किया। नेपाल भागने की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए नेपाल सीमा से सटे हुए उत्तर प्रदेश के जनपदीय पुलिस अधिकारियों एवं एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारियों से भी समन्वय स्थापित कर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया गया। मुंबई से लखनऊ की ओर आने वाली रेल गाड़ियों एवं अन्य साधनों को भी केंद्रित कर सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ टीम के पुलिस उपाधीक्षक प्रमेश कुमार शुक्ल को डॉ जलीश अंसारी की मौजूदगी कानपुर नगर में होने की सूचना प्राप्त हुई। एसटीएफ फील्ड इकाई कानपुर के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक तेजबहादुर सिंह, उपनिरीक्षक घनश्याम यादव, आरक्षी अब्दुल कादिर, राजकुमार, मोहर सिंह एवं आरक्षी चंद्रप्रकाश ने 17 जनवरी 2020 को फेथफुलगंज कानपुर नगर से डॉ जलीश अंसारी को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ से ज्ञात हुआ कि डॉ जलीश अंसारी वर्ष 1992 में बांग्लादेश के रास्ते से भारत आया था। उसने इसके पूर्व पाकिस्तान में रहकर आतंकवाद सम्बंधी प्रशिक्षण प्राप्त किया, हूजी संगठन के सदस्यों के सम्पर्क में आया। भारत में इंडियन मुजाहिद्दीन संगठन को ट्रेंड करने एवं टेक्निकल हैंड होने के कारण भी इसे 'डाक्टर' माना जाता है। पेशे से चिकित्सक जलीश अंसारी एक अन्य आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा से प्रेरित था। वह हैदराबाद, मालेगांव, पुणे, अजमेर आदि स्थानों पर विस्फोट के लिए जिम्मेदार है। यह टीएनटी और टाइमर बम का विशेषज्ञ है। इसने सिमी, हुजी, इंडियन मुजाहिद्दीन के साथ मिलकर बम धमाकों को अंजाम दिया। डॉ जलीश अंसारी का पिता मुम्बई में मजदूरी करता था। ये कुल छह भाई हैं। इसने वर्ष-1982 में साइन हास्पिटल मुम्बई से एमबीबीएस किया था। वर्ष-1988 में हैदराबाद के आजम गौरी ने अब्दुल करीम टुंडा से इसकी मुलाकात कराई थी। अब्दुल करीम टुंडा देशी विधि से बम बनाने में माहिर था, जिससे उसने बम बनाने की विधि सीखी तथा उसे सम्वर्धन करके बम बनाने की विधि में महारथ हासिल कर ली। अब इसके विरुद्ध अग्रिम विधिक कार्रवाई एटीएस मुम्बई करेगी।