स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 21 January 2020 02:40:59 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में एक समारोह में 14वें रामनाथ गोयंका विशिष्ट पत्रकारिता सम्मान प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि रामनाथ गोयंका विशिष्ट पत्रकारिता सम्मान पत्र-पत्रिका, प्रसारण एवं डिजिटल मीडिया के उन पत्रकारों को प्रदान किए जाते हैं, जिन्होंने अपार चुनौतियों के बावजूद पत्रकारिता में अपने सर्वश्रेष्ठ मानदंडों को कायम रखते हुए ऐसे अनुकरणीय कार्य किए हैं, जिससे समाचार माध्यम में लोगों का विश्वास कायम रखने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इस सम्मान का अर्थ उन लोगों को सम्मानित करना है, जो सच्चाई के लिए कलम धारण करते हैं। उन्होंने सम्मान प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और उनसे सच्चाई से परे नहीं जाने की मांग की, जो अच्छी पत्रकारिता के लिए एकमात्र निर्धारक है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किसी समाचार रिपोर्ट के रूपमें योग्यता के लिए जादुई पांच डब्ल्यू तथा एच (व्हाट, व्हेन, व्हाई, व्हेयर, हू एवं हाव) के उत्तर की अनिवार्यता के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज़ के कोलाहल के बीच समाचार माध्यम का ह्रास हुआ है और संयम एवं उत्तरदायित्व का मूलभूत सिद्धांत भी काफी कमजोर हो गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि फर्जी समाचार यानी फेक न्यूज़ एक नई त्रासदी के रूपमें उभरा है, जिसके जुगाड़ू व्यक्ति खुद के लिए पत्रकार होने का दावा करते हैं और इस भद्र पेशे पर दाग लगाते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारों को अपने कर्तव्य के दौरान कई प्रकार के उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना होता है, अक्सर वे एक जांचकर्ता, एक अभियोजक और एक न्यायाधीश की भूमिका निभाते हैं, जो एक में ही सिमट गए हैं। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु पत्रकारों के लिए काफी आंतरिक शक्ति एवं अदम्य उत्साह की जरूरत है, ताकि वे सच्चाई तक पहुंचने के क्रम में एक ही समय में इतनी भूमिकाएं निभा सकें। राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न विषयों पर विचार करने की उनकी प्रतिभा सराहनीय है, किंतु यह पूछने की जरूरत है कि क्या सचमुच शक्ति के इस व्यापक प्रयोग के पीछे सच्चा उत्तरदायित्व जुड़ा है?
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी से चिंतन करने के लिए कहा कि यदि रामनाथ गोयंका पेड न्यूज़ अथवा फेक न्यूज़ के कारण विश्वसनीयता के जोखिम का सामना करते तो वे क्या करते? निश्चित तौरपर वे कभी भी भटकाव की अनुमति नहीं देते और संपूर्ण समाचार माध्यम में सुधार के लिए पहल करते। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि पत्रकारिता एक नाजुक दौर से गुजर रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि सच्चाई की तलाश करना एक कठिन कार्य है, किंतु इसका अनुसरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तथ्यों को सामने लाने में विश्वास करना और उनपर चर्चा करने की इच्छाशक्ति होना हमारे जैसे लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी सार्थक है, जब नागरिकों को अच्छी जानकारी हो, उस अर्थ में पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्टता से लोकतंत्र को पूरी सार्थकता मिलती है।