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Thursday 23 January 2020 12:21:12 PM
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग की शुरुआत के 70 वर्ष पूरे होने पर निर्वाचन आयोग ने भारत के प्रथम मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुकुमार सेन के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप एक वार्षिक व्याख्यानमाला आयोजित करने का निर्णय लिया है। सुकुमार सेन ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए प्रथम दो आम चुनाव सराहनीय तरीके से कराए थे, जिससे भारत को लोकतंत्र के नक्शे पर समुचित स्थान मिला। भारत निर्वाचन आयोग के संवैधानिक शासनादेश के भीतर राष्ट्र के लोकतांत्रिक विमर्श को सकारात्मक बनाना इस व्याख्यानमाला का लक्ष्य है। भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस पहले व्याख्यान में पधारेंगे। गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी को सार्वजनिक जीवन में उनकी उपलब्धियों को लेकर वर्ष 2019 में गणतंत्र के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से सम्मानित किया जा चुका है।
प्रणब मुखर्जी अपने 50 वर्ष से अधिक के सामाजिक और राजनीतिक करियर में अलग-अलग समय में वित्त, वाणिज्य, विदेश एवं रक्षामंत्री जैसे पदों पर रह चुके हैं। उनका व्यापक राजनयिक अनुभव भी है और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक एवं अफ्रीकी विकास बैंक जैसे बहुपक्षीय संस्थाओं के बोर्ड ऑफ गवर्नर के रूपमें कार्य किया है। आर्थिक, संवैधानिक तथा ऐतिहासिक मामलों के अत्यधिक ज्ञान के कारण प्रणब मुखर्जी का बड़ा सम्मान है। प्रणब मुखर्जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था तथा राष्ट्र निर्माण पर अनेक पुस्तकें भी लिखी हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से 7 फरवरी 2019 को नई दिल्ली में पुस्तक विमोचन समारोह में सुकुमार सेन स्मृति व्याख्यानमाला की शुरुआत की घोषणा के समय मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा था कि निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों, समाचार माध्यमों, संविधान विशेषज्ञों, कानून विशेषज्ञों, शिक्षाविदों सहित नागरिक समाज के विभिन्न हिस्सों को शामिल करने का प्रयास करेगा, लोकतांत्रिक दुनिया के एक प्रख्यात व्यक्ति का व्याख्यान दिया जाना लोकतांत्रिक मूल्यों एवं अवधारणाओं को फैलाने तथा आगे बढ़ाने में योगदान को लेकर जाना जाएगा।
भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे सुकुमार सेन का जन्म 2 जनवरी 1898 को हुआ था। उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज कोलकाता और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में शिक्षा प्राप्त की थी। सुकुमार सेन 1922 में भारतीय सिविल सेवा में शामिल हुए थे। सेवाकाल के दौरान वे पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव (1947-1950) जैसे अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने 21 मार्च 1950 से लेकर अपनी सेवानिवृत्ति 19 दिसंबर 1958 तक भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूपमें सेवा की। उन्होंने 1952 तथा 1957 में देश में प्रथम दो लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभाओं के चुनाव भी संचालित किए थे। नवम्बर-दिसंबर 1953 में अंतर्राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष के रूपमें भी तत्कालीन सूडान में प्रथम आम चुनाव को संचालित करने का श्रेय भी सुकुमार सेन को जाता है। सार्वजनिक जीवन के प्रति उनके विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था। इस अवसर पर प्रणब मुखर्जी भारत के प्रथम चुनाव पर रिपोर्ट का एक री-प्रिंट जारी करेंगे और साथ ही सुकुमार सेन की स्मृति में एक डाक टिकट भी जारी किया जाएगा।