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Friday 31 January 2020 01:25:22 PM
नई दिल्ली/ लखनऊ। थालेस यानी यूरोनेस्ट पेरिस: एचओ दुनिया की एक अग्रणी टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो लखनऊ में 5 फरवरी से शुरू हो रहे डेफएक्सपो इंडिया-2020 में भाग लेगी। थालेस हॉल 3 में अपने स्टैंड R 17 पर आगंतुकों का स्वागत करेगी। भारत में छह दशक से अधिक की उपस्थिति के साथ थालेस के पास भारत में रक्षा आधुनिकीकरण की जरूरतों में मदद करने का एक समृद्ध अनुभव है। डेफएक्सपो-2020 के फोकस 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस' के अनुरूप थालेस ऐसी डिजिटल रक्षा प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करेगा, जो डिजिटल रूपसे संचालित और भविष्य केंद्रित हैं। इन प्रौद्योगिकियों में भारतीय सेना को उच्च महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने और हर निर्णायक क्षण को हासिल करने में सक्षम बनाने की क्षमता है। डेफएक्सपो में थालेस चार श्रेणियों-थल, जल और वायु, डिजिटल परिवर्तन और सुरक्षा की एक श्रृंखला के माध्यम से अपने उत्पादों और समाधानों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन करेगी।
थालेस अपने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन क्षेत्र में टारगेटिंग एंड रिकॉनइसेंस पॉड टीएएलआईओएस को प्रदर्शित करेगी, जो भविष्य में एम्बेडेड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ सिंगल पॉड में टार्गेटिंग और टैक्टिकल रिकॉनइसेंस क्षमताओं को साथ लाती है, साथ ही पथमास्टर का प्रदर्शन करेगी, यह पहला एवं पूरी तरह से कॉन्फ़िगर किया गया मानवरहित माइन कॉंटेरमेजर्स सिस्टम है। थलसेना के लिए थालेस की प्रदर्शनी में एकीकृत सोल्जर सिस्टम क्षमता, संचार उपकरणों के परिवार के बीच एसवाईएनएपीएस सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो, स्टारस्ट्रीक और हल्के मल्टी रोल मिसाइल जैसे वायुरक्षा प्रणालियों को मदद करने वाले लड़ाकू सिस्टम शामिल होंगे। सुरक्षा क्षेत्र में थालेस ट्रैकिंग और रिकॉगनिशन के लिए एक वीडियो आधारित बायोमेट्रिक फेशियल रिकग्निशन सिस्टम लाइव फेस आइडेंटिफिकेशन सिस्टम प्रदर्शित करेगा। कंपनी एक मल्टी सेंसर इंटीग्रेटेड ड्रोन काउंटरमेशर्स सॉल्यूशन जो 7 किलोमीटर तक की रेंज में कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले ड्रोन का पता लगा सकता है, पहचान सकता है, वर्गीकृत कर सकता है और बेअसर कर सकता है को भी प्रदर्शित करेगी।
एयरो और नेवल के लिए थालेस एंटी सबमरीन युद्ध समाधान जैसे-कैप्टास 1 और एयरो व नेवल कनेक्टिविटी एवं पहचान समाधान जैसे-नेक्सवेव इंट्रोगेटर फ्रेंड फो TSB 2510 आदि का प्रदर्शन करेगी। ऐसी अद्वितीय डिजिटल संचालित तकनीकों के प्रदर्शन के साथ थालेस न केवल मेक इन इंडिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराएगी, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों के विकास और आधुनिकीकरण की दिशा में अपनी आगामी योजनाओं का प्रदर्शन भी करेगी। भारत में थालेस के वाइस प्रेसिडेंट एवं कंट्री डायरेक्टर इमेनुअल डी रोकेफेयइल का कहना है कि वे डेफएक्सपो इंडिया-2020 में थालेस की भागीदारी को लेकर काफी उत्साहित हैं, क्योंकि यह उन्हें उन प्रौद्योगिकियों में अग्रिणी स्थिति को प्रदर्शित करने में मदद करता है, जो इस वर्ष प्रदर्शनी की थीम 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस' के अनुरूप है। उनका कहना है कि उनकी विश्वसनीय प्रौद्योगिकियां भारत सहित दुनियाभर में सशस्त्र बलों और प्राधिकारियों को सामरिक श्रेष्ठता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद कर रही है। उनका कहना है कि भारत के साथ छह दशक से अधिक समय के दौरान वे भारत में अपने दो इंजीनियरिंग सक्षमता केंद्रों और स्थानीय भागीदारी के माध्यम से विशेष रूपसे रोज़गार सृजन एवं कौशल विकास में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तत्पर हैं।
थालेस टेक्नोलॉजी कंपनी समूह वैमानिकी, अंतरिक्ष, परिवहन, डिजिटल आइडेंटिटी और सिक्युरिटी और रक्षा बाजारों में ग्राहकों को समाधान, सेवाएं और उत्पाद प्रदान करती है। करीब 68 देशों में 80,000 कर्मचारियों के साथ थालेस ने 2018 में जेमाल्टो सहित एक प्रोफार्मा आधार पर € 19 बिलियन की बिक्री की थी। थालेस विशेष रूपसे डिजिटल इनोवेशन कनेक्टिविटी, बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी प्रौद्योगिकियों में निवेश कर रही है, जो अपने निर्णायक क्षणों में व्यवसायों, संगठनों और सरकारों की मदद करता है। सन् 1953 से भारत में मौजूद थालेस का मुख्यालय नई दिल्ली में है और अन्य परिचालन कार्यालय और साइट्स नोएडा, गुड़गांव, हैदराबाद, बेंगलुरु और मुंबई में फैली हुई हैं। भारत में थालेस और इसके संयुक्त उपक्रम के साथ 1600 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। शुरुआत से ही थालेस रक्षा, परिवहन, एयरोस्पेस और डिजिटल आईडेंटिटी और सुरक्षा बाजारों में अपनी प्रौद्योगिकियों एवं विशेषज्ञता को साझा करके भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। थालेस के भारत में दो इंजीनियरिंग क्षमता केंद्र हैं-एक दिल्ली एनसीआर में डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल पहचान और सुरक्षा व्यवसाय पर केंद्रित है, जबकि एक बेंगलुरु में नागरिक और रक्षा दोनों क्षेत्रों के लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सिस्टम इंजीनियरिंग क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करता है, जो वैश्विक जरूरतों को पूरा करता है।