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Monday 3 February 2020 12:47:18 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय बजट-2020 को भविष्य की सोच वाला और कार्रवाई उन्मुख बजट बताया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में घोषित नए सुधार न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले हैं, बल्कि उनमें देश के प्रत्येक नागरिक के आर्थिक सशक्तीकरण का लक्ष्य भी है। उन्होंने कहा कि बजट में नए दशक की अर्थव्यवस्था को और भी ज्यादा मजबूत करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में बड़े पैमाने पर रोज़गार सृजन करने वाले कृषि, बुनियादी ढांचे, कपड़ा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट की 16 सूत्री कार्ययोजना ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार सृजन करने के साथ किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कम्पनी कानून में छोटी गलतियों को भी आपराधिक माना जाता था, अब हमने ऐसे कार्यों को गैर अपराधी मानने का बड़ा फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्रीय बजट कृषि क्षेत्र के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाता है, जहां खेती के पारंपरिक तरीकों के अलावा बागवानी, मत्स्य पालन और पशुपालन में मूल्यवर्धन पर भी जोर दिया गया है, जिससे रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि नीली अर्थव्यवस्था की दिशा में अवसर मिलेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीकी वस्त्रों के उत्पादन में तकनीकी मशीनों के इस्तेमाल का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में मानव निर्मित फाइबर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कच्चे माल की शुल्क संरचना में सुधार करने की भी घोषणा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 3 दशक से इसमें सुधार की मांग की जा रही थी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार आयुष्मान भारत कार्यक्रम ने देश में स्वास्थ्य क्षेत्र का विस्तार किया है, इसने देश में चिकित्सा उपकरणों के निर्माण की आवश्यकता के साथ-साथ अधिक मानव संसाधनों के लिए गुंजाइश भी बनाई है और सरकार ने इस दिशा में कई फैसले लिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने के कई विशेष उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने स्मार्ट शहरों, इलेक्ट्रॉनिक वस्तु के विनिर्माण, डेटा सेंटर पार्क, जैव प्रौद्योगिकी और क्वांटम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई नीतिगत पहल की हैं और इसके साथ ही भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला का भी एक अभिन्न अंग बन जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में डिग्री पाठ्यक्रम में प्रशिक्षुता को शामिल किए जाने, स्थानीय निकायों में इंटर्नशिप और ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रमों जैसे नए और अभिनव पहलों के माध्यम से युवाओं के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों और निर्यात क्षेत्र को रोज़गार सृजन का बड़ा माध्यम बताते हुए कहा कि बजट में लघु उद्योगों के वित्तपोषण के साथ निर्यात को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि एक आधुनिक भारत को आधुनिक अवसंरचना की आवश्यकता है और यह क्षेत्र एक बड़ा रोज़गार उत्पादक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 6500 से अधिक परियोजनाओं में 100 लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया जा रहा है और यह एक व्यापक रोज़गार सृजन क्षमता का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति व्यापार, उद्योग और रोज़गार में भी सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि 100 नए हवाई अड्डों को विकसित करने की घोषणा देश में पर्यटन को बढ़ावा देगी और इसके साथ-साथ रोज़गार सृजन की भी बड़ी संभावना पैदा होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं, जोकि रोज़गार के लिए एक बड़ा वाहक हैं। उन्होंने कहा कि बॉण्ड मार्केट को सृदृढ़ बनाने और अवसंरचना परियोजनाओं के दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिए कई कदम उठाए गए हैं, इसी प्रकार लाभांश वितरण कर की समाप्ति के बाद कम्पनियों के पास आगे के निवेश के लिए 25,000 करोड़ रुपये रहेंगे। उन्होंने कहा कि एफडीआई आकर्षित करने के लिए भी कई कर रियायतों की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही कर लाभ स्टार्ट-अप और रियल स्टेट सेक्टर को भी उपलब्ध कराए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ऐसे वातावरण का निर्माण कर रही है, जहां कोई विवाद नहीं होगा और आयकर कराधान में भरोसा होगा। उन्होंने कहा कि कम्पनी कानून में छोटी गलतियों को भी आपराधिक माना जाता था, अब हमने ऐसे कार्यों को गैर अपराधी मानने का बड़ा फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हम करदाता चार्टर लॉन्च कर रहे हैं जो करदाताओं के अधिकारों को सूचीबद्ध करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भरोसा बढ़ाने की इसी दिशा में बजट में घोषणा की गई है कि अब उन एमएसएमई का लेखा परीक्षण करना अनिवार्य नहीं है, जिनका टर्न ओवर 5 करोड़ रुपये तक है। उन्होंने कहा कि पहले यह सीमा एक करोड़ रुपये तक थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी तक देश के युवाओं को विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए विभिन्न परीक्षाएं देनी पड़ती हैं, इसमें प्रणालीगत बदलाव लाने के लिए राष्ट्रीय नियुक्ति एजेंसी बैंकों, रेलवे या किसी अन्य सरकारी नौकरी के लिए एक ऑनलाइन कॉमन परीक्षा आयोजित करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि फेसलेस अपील, सरल आयकर, पीएसयू के विनिवेश में तेजी लाने के प्रयास, समान खरीद प्रणाली, ऑटो इनरोलमेंट जैसे कदमों का उद्देश्य न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि ब्रॉडबैंड इंटरनेट के जरिए एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ियों, विद्यालयों, वेलनेस केंद्रों और पुलिस थानों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे व्यय करने की सुगमता और जीवन की सरलता में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ब्रॉडबैंड के जरिए कई सुदूर गांव भी कनेक्ट हो जाएंगे। उन्होंने आम बजट 2020 का सार ऐसे बजट के रूपमें बताया जो आय और निवेश, मांग एवं उपभोग को सुदृढ़ बनाएगा, ऐसा बजट जो वित्तीय प्रणाली और ऋण प्रवाह में नई प्रेरणा का संचार करेगा, नए बजट में विकास और पूंजी का प्रवाह है। गौरतलब है कि केंद्रीय बजट में देश की जो अपेक्षाएं थीं, उन्हें लगभग कवर करने की कोशिश की गई है। उद्योगजगत और व्यापारी समाज से लेकर नौकरीपेशा तक ने इसपर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिनमें अधिकांश प्रतिक्रियाएं सरकार के लिए उत्साहजनक पाई गई हैं।