स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 8 February 2020 02:25:07 PM
कोकराझार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भावनापूर्ण अपील करते हुए हिंसा के मार्ग पर चलने वालों का आह्वान किया है कि वे बोडो काडर की तरह अपने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौट आएं। प्रधानमंत्री ने असम के कोकराझार में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के समारोह में शिरकत की। ऐतिहासिक बोडो समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद प्रधानमंत्री की यह पूर्वोत्तर की पहली यात्रा थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे पूर्वोत्तर हो या नक्सल क्षेत्र या जम्मू-कश्मीर, यहां के जो लोग हथियार और हिंसा में विश्वास करते हैं, मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे बोडो युवाओं से सीख एवं प्रेरणा लें तथा मुख्यधारा में वापस लौट आएं और जीवन का उत्सव शुरू करें। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में उपेंद्रनाथ ब्रह्मा और रूपनाथ ब्रह्मा जैसे बोडो नेताओं के योगदान को भी याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोडो समझौते में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड, बीटीसी के प्रमुख और असम के राज्यपाल हगरामा माहीलारे की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह असम सहित पूरे पूर्वोत्तर के लिए 21वीं सदी में एक नई शुरूआत, एक नए सवेरे, एक नई प्रेरणा का स्वागत करने का अवसर है, यह संकल्प लेने का दिन है कि विकास और विश्वास हमारा मुख्य आधार बना रहेगा और हम इसे और ज्यादा मजबूत बनाएंगे, हिंसा का अंधेरा हमें फिरसे ना घेर ले, आइए हम शांतिपूर्ण असम और एक नए दृढ़ भारत का स्वागत करें। उन्होंने कहा कि बोडो समझौता इसलिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि इसी वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि गांधीजी कहा करते थे कि जो भी अहिंसा के नतीजे होंगे, उन्हें सब स्वीकार करेंगे। बोडो समझौते के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे क्षेत्र की पूरी जनता को लाभ मिलेगा, समझौते के तहत बोडो क्षेत्रीय परिषद की शक्तियों को बढ़ाया गया है और मजबूत किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बोडो समझौते में प्रत्येक व्यक्ति विजेता है, शांति विजेता है और मानवता विजेता है। उन्होंने कहा कि बोडो क्षेत्रीय जिलों के सीमा निर्धारण के लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने बीटीएडी के कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुरी के लिए 1500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे बोडो संस्कृति, क्षेत्र और शिक्षा का सर्वांगीण विकास होगा। बीटीसी और असम सरकार की बढ़ी हुई जिम्मेदारी के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास का लक्ष्य केवल सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के माध्यम से ही पूरा हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बोडो क्षेत्र में नई आशाओं, नए सपनों और नई भावनाओं का संचार हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बोडो क्षेत्रीय परिषद यहां उपस्थित सभी समाजों को साथ लेकर विकास के एक नए मॉडल को विकसित करेगा, यह असम और भारत, एक श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत बनाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार असम समझौते के खंड 6 को लागू करना चाहती है और इसके लिए समिति की रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए एक नया दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि ऐसा दृष्टिकोण अपनाना क्षेत्र की आकांक्षाओं और भावनात्मक मुद्दों को गहराई से समझने के बाद ही संभव हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी संबंधित व्यक्तियों के साथ विचार-विमर्श और परिचर्चा के माध्यम से समाधान ढूंढे गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने सभी लोगों को अपना माना और किसी को भी बाहरी नहीं समझा, हम लोगों ने उन लोगों के साथ बातचीत की और उन्हें यह महसूस कराया कि वे भी हमारे अपने हैं, इससे उग्रवाद को कम करने में सहायता मिली। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद के कारण हजार से अधिक हत्याएं होती थीं, परंतु आज मोटे तौरपर स्थिति सामान्य और शांतिपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 3-4 वर्ष के दौरान पूर्वोत्तर में सड़कों का निर्माण हुआ है, जिनकी कुल लम्बाई 3000 किलोमीटर से अधिक है, नए राष्ट्रीय राजमार्गों को मंजूरी दी गई है, पूर्वोत्तर के पूरे रेल नेटवर्क को बड़ी लाइन में बदला गया है, शिक्षा, कौशल और खेल के जरिए पूर्वोत्तर के युवाओं को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है, इसके अलावा दिल्ली और बेंगलुरु में पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों के लिए नए छात्रावासों का निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अवसंरचना का मतलब मोर्टार और सीमेंट का संयोजन नहीं है, इसका एक मानवीय पक्ष भी है, इससे लोग महसूस करते है कि कोई व्यक्ति है, जो उनकी देखभाल करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दशकों से लटकी पड़ी बोगीबिल जैसी परियोजनाएं पूरी होती हैं और लाखों लोगों को कनेक्टिविटी मिलती है तो उनका सरकार में विश्वास बढ़ता है, इस सर्वांगीण विकास ने अलगाव को जुड़ाव में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जुड़ाव होता है, तब प्रगति समान रूपसे प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचती है और लोग साथ काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं और जब लोग साथ काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं तो बड़े से बड़े मामलों का भी समाधान हो जाता है।