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भारत-श्रीलंका सहयोग घनिष्ठ व बहुमूल्य-मोदी

श्रीलंकाई प्रधानमंत्री और नरेंद्र मोदी का संयुक्त प्रेस वक्तव्य

आतंकवाद के ख़िलाफ़ सहयोग को और भी ज्यादा बढ़ाएंगे

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 8 February 2020 04:51:38 PM

pm mahinda rajapaksa and narendra modi at the joint press statements

नई दिल्ली। लोकतांत्रिक समाजवादी गणराज्य श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे भारत आए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की जोरदार अगवानी की। दोनों नेताओं के बीच हैदराबाद हाउस नई दिल्ली में विभिन्न स्तरीय बैठकें भी हुई। इस अवसर पर संयुक्त प्रेस वक्तव्य देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले तो महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनने पर ह्रदय से बधाई दी और पदभार संभालने के तुरंत बाद पहले विदेश दौरे पर भारत आने के लिए आभार भी जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले श्रीलंका ने अपनी आज़ादी की बहत्तरवीं वर्षगांठ मनाई है, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और श्रीलंकावासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका अनादिकाल से पड़ोसी हैं और घनिष्ठ मित्र भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे संबंधों के इतिहास का ताना-बाना संस्कृति, धर्म, आध्यात्म, कला और भाषा जैसे अनगिनत रंग-बिरंगे धागों से बुना गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे सुरक्षा हो या अर्थव्यवस्था या सामाजिक प्रगति, हर क्षेत्र में हमारा अतीत और हमारा भविष्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में स्थायित्व, सुरक्षा और समृद्धि भारत के हित में तो है ही पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के हित में भी है, इसलिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में भी शांति और खुशहाली के लिए हमारा घनिष्ठ सहयोग बहुमूल्य है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार की पड़ोस पहले नीति और सागर सिद्धांत के अनुरूप हम श्रीलंका के साथ संबंधों को विशेष प्राथमिकता देते हैं, क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने के श्रीलंका सरकार के संकल्प का हम स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और मैंने हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलूओं और आपसी हित के अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने क‌हा कि आतंकवाद हमारे क्षेत्र में एक बहुत बड़ा ख़तरा है, हम दोनों देशों ने इस समस्या का डटकर मुकाबला किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल अप्रैल में श्रीलंका में ईस्टर डे पर दर्दनाक और बर्बर आतंकवादी हमले हुए थे, ये हमले सिर्फ़ श्रीलंका पर ही नहीं, पूरी मानवता पर भी आघात थे, इसलिए हमारी बातचीत में हमने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपना सहयोग और ज्यादा बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे इस बात पर प्रसन्नता है कि भारत के प्रमुख ट्रेनिंग संस्थानों में आतंकवाद विरोधी कोर्सेज में श्रीलंका के पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लेना शुरु कर दिया है, दोनों देशों की एजेंसीज के बीच संपर्क और सहयोग को और अधिक मजबूत करने के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने श्रीलंका में संयुक्त आर्थिक परियोजनाएं, आर्थिक, व्यापारिक और निवेश संबंधों को बढ़ाने पर भी बातचीत की है, हमने पिपुल-टू-पिपुल संपर्क बढ़ाने, पर्यटन को प्रोत्साहन देने और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर भी सहमति जताई है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि चेन्नई और जाफ़ना के बीच हाल ही में सीधी फ्लाइट की शुरुआत इसी दिशा में हमारे प्रयासों का हिस्सा है, इस सीधी फ्लाइट से श्रीलंका के उत्तरी क्षेत्र की तमिल जनसंख्या के लिए कनेक्टिविटी के विकल्प बढ़ेंगे और यह इस क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भी लाभकारी होगी। उन्होंने कहा कि इस फ्लाइट को मिला अच्छा प्रतिक्रिया हम दोनों के लिए प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने इस संपर्क को और बढ़ाने, सुधारने और स्थाई बनाने के लिए भी विमर्श किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीलंका के विकास प्रयासों में भारत एक विश्वस्त भागीदार है, पिछले साल घोषित नई क्रेडिट सीमाओं से हमारे विकास सहयोग को और अधिक बल मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें ख़ुशी है कि श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में आतंरिक रूपसे विस्थापित लोगों के लिए 48,000 से ज्यादा घरों के निर्माण का इंडियन हाउसिंग प्रोजेक्ट पूरा किया जा चुका है, इसके अलावा अप-कंट्री क्षेत्र में भारतीय मूल के तमिल लोगों के लिए कई हज़ार घरों के निर्माण का कार्य भी प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और मैंने मछुआरों के मानवीय मुद्दे पर भी चर्चा की है, इस विषय का प्रभाव दोनों देशों के लोगों के जीवनयापन पर सीधे रूपसे पड़ता है, इसलिए हम इस मुद्दे पर रचनात्मक और मानवतापूर्ण पहुंच जारी रखने पर सहमत हैं। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में री-कन्सीलिएशन से सम्बंधित मुद्दों पर हमने खुलकर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि श्रीलंका सरकार संयुक्त श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति और सम्मान के लिए तमिल लोगों की अपेक्षाओं को साकार करेगी, इसके लिए यह आवश्यक होगा कि श्रीलंका के संविधान में तेरहवें संशोधन को लागू करने के साथ-साथ री-कन्सीलिएशन की प्रक्रिया को आगे ले जाया जाए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की इस यात्रा से भारत और श्रीलंका की मैत्री एवं बहुआयामी सहयोग और अधिक मजबूत होंगे, साथ ही दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व के लिए सहयोग भी बढ़ेगा। 

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