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Wednesday 12 February 2020 05:02:21 PM
मानेसर (हरियाणा)। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने आज मानेसर में एनएसजी के ‘आतंकवाद की उभरती रूपरेखा तथा आईईडी के खतरे की समझ’ विषय पर 20वें अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा है कि वैश्विक समुदाय के लिए एकजुट होकर आतंकवाद के विरुद्ध एक संयुक्त मोर्चा तैयार करने की जरूरत है, क्योंकि यह एक साझा शत्रु है तथा विश्व के सभी देश आर्थिक एवं सामाजिक नुकसान को झेलते हुए इस त्रासदी का सामना कर रहे हैं। गृह राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ‘आतंकवाद बर्दाश्त नहीं’ की नीति के प्रति संकल्प तथा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा कि इस सकारात्मक नीति से वास्तव में देशभर में वामपंथी उग्रवाद में कमी हुई है और कई आतंकवादी संगठन नष्ट हो गए हैं।
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने सलाह दी कि हमें अगली पीढ़ी के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी तथा उन्नत हथियारों से सुसज्जित होने की जरूरत है, क्योंकि आतंकवादी संगठन भी बदलते परिदृश्य में खुद को कायम रखने के लिए प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अराजक तत्वों से उत्पन्न विषम चुनौतियों पर ध्यान देना हमारे लिए जरूरी है। जी किशन रेड्डी ने कहा कि इन दिनों सुरक्षाबलों के लिए आईईडी की पहचान तथा रोकथाम की उन्नत प्रणाली विकसित करना महत्वपूर्ण बन गया है, ऐसे हमलों को रोकने में हमारे लिए रणनीति तथा क्षमता के विकास की जरूरत है। उन्होंने दोहरी रणनीति अपनाने पर जोर दिया, जिसमें पहले आतंकवाद से निपटने के काम को एक सकारात्मक तथा पहले हमला करने की रणनीति हो, न कि बाद में और दूसरी बात यह कि आतंकवाद को अलग-थलग करने तथा सभी प्रकार का समर्थन बंद करने के लिए वैश्विक सहमति होनी चाहिए।
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने इस दौरान काउंटर-आईईडी इनोवेटर पुरस्कार प्रदान किए और ‘द बोमशेल’ के 30वें संस्करण का विमोचन भी किया। एनएसजी के महानिदेशक अनूप कुमार सिंह ने भी सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत तथा विश्व के कई हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को न केवल आतंकवादी संगठनों से समर्थन मिल रहा है, बल्कि देश की सीमा के बाहर वाले संगठन उन्हें पोषित भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अपने विचारों को साझा करेंगे और आतंकवाद की त्रासदी से निपटने के लिए एक मार्ग-निर्देश तैयार करेंगे। दो दिन तक चलने वाले इस समारोह में सामूहिक परिचर्चा के दौरान ‘आतंकवाद से मुकाबला तथा आईईडी से मुकाबला’ विषय पर विविध परिदृश्यों को शामिल किया जाएगा। कई देशों के प्रतिनिधि, विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी और हितधारक सेमिनार में हिस्सा ले रहे हैं।