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Thursday 13 February 2020 05:11:53 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज विज्ञान भावन नई दिल्ली में नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के संबंध में बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीक और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) सहयोगी देशों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। अमित शाह ने कहा कि यह मंच सभी सदस्य देशों को मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरों और विभिन्न देशों की अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं से सीख लेकर इन खतरों को समाप्त करने के लिए आवश्यक सामूहिक प्रयासों के बारे में बातचीत करने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इस दो द्विवसीय सम्मेलन के आयोजन से मादक पदार्थों की तस्करी की गंभीर समस्या के निराकरण में बहुत सारे नए रास्ते खुलेंगे। अमित शाह ने कहा कि अगस्त 2018 में नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे से निपटने के लिए बिम्स्टेक देशों के सम्मेलन का विचार रखा था और आज वह विचार साकार हो गया है। उनका कहना था कि मोदीजी ने मादक पदार्थों की तस्करी एवं व्यापार कंट्रोल करने के लिए जो नीति बनाई है, उससे भारत में मादक पदार्थों को आने भी नहीं दिया जाएगा और भारत से कहीं पर जाने भी नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए एकजुट होना आवश्यक है और भारत इस कार्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत ने बहुत कम समय के अंदर ही देश में नारकोटिक्स कंट्रोल के प्रति कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं, जिनका सकारात्मक प्रभाव सामने आया है। उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की कुल आबादी के लगभग 5 प्रतिशत लोग मादक पदार्थों के प्रभाव से ग्रसित हैं अर्थात विश्व के 27 करोड़ से अधिक लोग ऐसे पदार्थों की आदतों से घिरे हुए हैं, जो गंभीर चिंतन का विषय है। उन्होंने यह भी बताया कि इसमें बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, वर्ष 2009 में आंकड़ा करीब 21 करोड़ था और 10 साल में यह बढ़कर 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 27 करोड़ तक पहुंचा है। उन्होंने कहा कि नशे के कारण लाखों लोगों की मृत्यु होती है, मादक पदार्थों का सेवन पूरे विश्व के लिए एक अभिशाप के समान है, इनका सेवन स्वयं, परिवार, समाज के साथ साथ देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है और देश विरोधी तत्वों के लिए आमदनी का एक बड़ा जरिया बन जाता है। आंकड़े बताते हैं कि पूरे विश्व में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से एक बड़ी राशि का लेनदेन होता है, जिसका उपयोग अवैध सामाजिक गतिविधियों में किया जाता होगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में होने वाली अफीम की खेती का प्रभाव केवल भारत पर ही नहीं, सभी देशों पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष देश में दक्षिण पश्चिम एशिया के देशों से आनेवाली हेरोइन की मात्रा में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि सभी विकासशील देशों में शांति, समृद्धि और खुशहाली की राह में बड़ी चुनौतियां हैं, जिन्हें मिलकर हल करना होगा और यह हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि भारत सरकार ने समस्या के खिलाफ लड़ाई में लगी एजेंसियों के बीच प्रवर्तन और समन्वय गतिविधियों को मजबूत करने के लिए कई पहल की हैं, केंद्रीय और राज्य सरकार दोनों एजेंसियों में अधिक सामंजस्यपूर्ण और समन्वित कार्यों को स्थापित करने के लिए काम किया जा रहा है, इसके साथ-साथ डिजिटलाइजेशन पर भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार एनसीबी के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए भोपाल में केंद्रीय अकादमी शुरु करने जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में जागरुक करने की पहल की गई है, वर्ष 2019 में विभिन्न माध्यमों से मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। गृहमंत्री ने कहा कि भारत इस दिशा में बीटूबी कंपनियों के साथ मिलकर कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है, ताकि ड्रग व्यापार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर समन्वय स्थापित किया है और 5 वर्ष में भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, म्यांमार, सिंगापुर आदि देशों से मादक पदार्थों की तस्करी के मुद्दे पर चर्चा की।
अमित शाह ने कहा कि ड्रग तस्करी को रोकने दिशा में ठोस कदम उठाने का बहुत अच्छा अवसर है। उनका कहना था कि हममें से कोई भी ऐसा नहीं है, जिसने आतंकवाद की समस्या से जुड़े सवालों का सामना नहीं किया है, नशीले पदार्थ के व्यापार के माध्यम से आतंकवाद को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या को मूल रूपसे समाप्त करने का आज हम संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी इस समस्या का बहुत बड़ा क्षेत्र है और सबसे बड़ा देश होने के कारण भारत मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने संबंधी अपने उत्तरदायित्व को निभाने से कभी पीछे नहीं हटेगा। अमित शाह ने कहा कि रसायनिक प्रक्रिया से तैयार होने वाला नशा भी एक बड़ी चुनौती बन चुका है, यह 50 गुना ज्यादा हानिकारक होता है। उन्होंने इसके नियंत्रण पर भी कार्य करने को कहा और बताया कि लगभग ढाई सौ से अधिक ऐसे नशीले पदार्थ अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में नियंत्रित हो रहे हैं और 900 से ज्यादा मादक पदार्थ नियंत्रण से बाहर हैं। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रग फ्री इंडिया का जो सपना देखा है, वह बहुत सारे देशों को भी फायदा करेगा।
गौरतलब है कि बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें बंगाल की खाड़ी के बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के अलावा कई सदस्य देश शामिल हैं, जो एक क्षेत्रीय एकता का निर्माण करते हैं। समूचे बिम्सटेक क्षेत्र की साझा समृद्धि और आर्थिक विकास के लिए बंगाल की खाड़ी के जरिए क्षेत्रीय समुद्री कनेक्टिविटी और व्यापार जरूरी है, हालांकि बिना किसी बाधा के समुद्री पहुंच प्रदान करते समय, समुद्री और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एक खतरा हैं। इस तरह की चुनौतियों में सबसे प्रमुख समुद्र के रास्ते मादक पदार्थों की तस्करी। यह समुद्र में सहयोगी प्रयासों की आवश्यकता है, जिसमें इस खतरे से निपटने के लिए भागीदार देशों के बीच संचालन और सूचना साझा करने में प्रभावी समन्वय को और मजबूत करना शामिल है।