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Friday 14 February 2020 06:12:48 PM
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में लोक भारती की मासिक पत्रिका ‘लोक सम्मान’ के ‘गो-आधारित प्राकृतिक कृषि’ विशेषांक का लोकार्पण करते हुए कहा है कि अब राजभवन में भी प्राकृतिक खेती होगी, क्योंकि यहां गो-आधारित सभी संसाधन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मानव स्वास्थ्य के दृष्टिगत वैज्ञानिक भी मोटे अनाज के प्रयोग पर बल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज से 50-60 साल पहले जब मोटे अनाज का लोग प्रयोग करते थे तो हृष्ठ-पुष्ठ रहा करते थे और बीमारियां भी कम होती थीं, जबसे खाद्यान्न उत्पादन में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बढ़ा है, तबसे उत्पादन के साथ-साथ बीमारियां भी बढ़ी हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम में उपस्थित प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों से कहा कि प्राकृतिक खेती में उनके योगदान का फायदा आने वाली पीढ़ी को निश्चित रूपसे मिलेगा और अपने पास पड़ोस के किसानों को भी गो-आधारित प्राकृतिक खेती से जोड़ेंगे, इससे न केवल कृषि लागत में कमी आएगी, बल्कि किसान की आमदनी में भी अपेक्षित वृद्धि होगी। उन्होंने गो-आधारित प्राकृतिक कृषि विशेषांक की सराहना करते हुए कि यह विशेषांक किसानों के लिए लाभदायक होगा। कार्यक्रम में लोक भारती के अध्यक्ष प्रोफेसर एपी तिवारी तथा संगठन मंत्री बृजेंद्रपाल सिंह, श्रीकृष्ण चौधरी ने भी प्राकृतिक खेती पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कृषि निदेशक सोराज सिंह, किसान एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।