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मनोहर पर्रिकर के नाम रक्षा अध्ययन संस्थान

देश के प्रति योगदान और प्रगतिशील दृष्टिकोण का सम्मान

संस्थान में रक्षा व सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 18 February 2020 04:55:30 PM

manohar parrikar

नई दिल्ली। भारत सरकार ने फैसला किया है कि रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान का नाम मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान किया जाए। यह फैसला मनोहर पर्रिकर की विरासत और उनकी प्रतिबद्धता के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए किया गया है। सरकार का कहना है कि पूर्व रक्षामंत्री और पद्मभूषण से सम्मानित मनोहर पर्रिकर के देश के प्रति योगदान और उनके प्रगतिशील दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए इस प्रमुख रक्षा संस्थान को दिशा दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि रक्षामंत्री संस्थान की सोसायटी की कार्यकारी समिति की अध्यक्षता करते हैं।
मनोहर पर्रिकर 9 नवंबर 2014 से 14 मार्च 2017 तक भारत के रक्षामंत्री रहे और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पठानकोट और उरी हमलों के दौरान रक्षा मंत्रालय का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। अपने जीवनकाल में मनोहर पर्रिकर जुझारू प्रकृति वाले साहसी व्यक्ति थे। वे जब भारत के रक्षामंत्री थे, तब उन्होंने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने, स्वदेशी रक्षा निर्माण को प्रोत्साहन देने और पूर्व सैनिकों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया था। उल्लेखनीय है कि वन रैंक वन पेंशन की मांग पूर्व सैनिक लंबे समय से करते आ रहे थे, इसे लागू करने में उन्होंने अहम योगदान दिया था।
रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान, रक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त शासित संस्था है, जिसकी स्थापना नई दिल्ली में 1965 में हुई थी। संस्थान का उद्देश्य रक्षा और सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन और अनुसंधान करना है। इसके लिए संस्थान में रक्षा जगत और सैन्यबलों से जुड़ी हस्तियों की सेवाएं ली जाती हैं। संस्थान हर वर्ष कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करता है तथा नियमित रूपसे गोलमेज चर्चाएं और कार्यशालाएं भी आयोजित की जाती हैं।

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