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Tuesday 18 February 2020 05:31:56 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। रक्षामंत्री ने एक ट्वीट के जरिए इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है वे सशस्त्र सेनाओं में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का तहेदिल से स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में स्वतंत्रता दिवस के भाषण में सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन के विचार का समर्थन किया था और इसके लिए नीति में बदलाव की घोषणा भी की थी। रक्षामंत्री ने कहा कि सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन का ऐतिहासिक निर्णय उस समय ही आ गया था, जब पूर्व रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि महिलाओं को सेना में शामिल किया जाएगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना में महिलाओं की भर्ती प्रक्रिया 2019 से लागू भी हो चुकी है,जिसका उद्देश्य अपराधों की जांच के अलावा आवश्यकतानुसार सैन्य अभियानों में मदद के लिए महिला अधिकारियों की भूमिका तय करना है। रक्षामंत्री ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां कुछ महिला अधिकारियों ने सेना में करीब 20 वर्ष के लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि 2019 में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की सभी 10 शाखाओं में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन की अनुमति दी थी, जिसमें सिग्नल सैन्यदल, इंटेलिजेंस, विमानन, इंजीनियरिंग, सेवा और आर्डिनेंस कोर शामिल है। उन्होंने कहा कि 2016 से पहले केवल 2.5 प्रतिशत महिलाएं भारतीय सशस्त्र सेनाओं में शामिल थीं और इसमें भी उन्हें युद्ध क्षेत्र में तैनात नहीं किया जाता था।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि जनवरी 2019 तक सेना में महिलाओं की संख्या कुल सैन्यबल का 3.89 प्रतिशत है, जबकि जून 2019 तक नौसेना और वायुसेना में यह क्रमश 6.7 और 13.28 प्रतिशत थी। जून 2019 तक वायुसेना के सभी विभागों में महिलाओ की नियुक्ति हो चुकी थी, ऐसा उनकी नियुक्ति के लिए समय-समय पर जारी की गई शर्तों के अनुरूप किया गया। रक्षामंत्री ने कहा कि भारत सरकार सशस्त्र सेनाओं में नारी शक्ति को मजबूत बनाने का काम कर रही है और हम इस दिशा में और ज्यादा आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।