स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 25 February 2020 05:40:00 PM
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हैदराबाद हाउस नई दिल्ली में संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में एकबार फिरसे हार्दिक स्वागत करते हुए ख़ुशी जताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ महीने में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके बीच ये पांचवी मुलाकात है। उन्होंने कहा कि कल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सपरिवार आगमन पर अहमदाबाद में विश्व के सबसे बड़े मोटेरा स्टेडियम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अभूतपूर्व और ऐतिहासिक स्वागत हमेशा याद रहेगा। उन्होंने कहा कि यह फिरसे स्पष्ट हुआ है कि भारत-अमेरिका के संबंध सिर्फ दो सरकारों के बीच नहीं हैं, बल्कि लोग संचालित और लोग केंद्रित हैं, ये संबंध 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी में है, इसलिए आज राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मैंने दोनों देशों के संबंधों को व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के स्तरपर ले जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इन संबंधों को इस मुकाम तक लाने में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अमूल्य योगदान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारी चर्चा में हमने इस साझेदारी के हर अहम पहलू पर सकारात्मक विचार किया, इनमें रक्षा-सुरक्षा, ऊर्जा में रणनीतिक साझेदारी, टेक्नॉलजी सहयोग, वैश्विक कनेक्टिविटी, संबंधों को बढ़ावा और लोगों को लोगों से जोड़ने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग हमारी सामरिक भागीदारी का एक बहुत अहम हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक रक्षा उपकरण व प्लेटफार्मों पर सहयोग से भारत की डिफेंस क्षमता में बढ़ोतरी हुई है, हमारे रक्षा निर्माता एक-दूसरे की आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बन रहे हैं, भारतीय सेना सबसे अधिक सैन्याभ्यास यूएस की सेनाओं के साथ करती है, पिछले कुछ साल में हमारी सेनाओं के बीच अंतर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह हम अपने देश की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध से लड़ने के लिए भी सहयोग बढ़ा रहे हैं, आज देश की सुरक्षा पर हुए निर्णय से इस सहयोग को और बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराने के लिए हमने अपने प्रयासों को और बढ़ाने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के साथ ड्रग्स तस्करी, आतंकवाद और संगठित अपराध जैसी गम्भीर समस्याओं के बारे में एक नए तंत्र पर भी सहमति हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सामरिक ऊर्जा साझेदारी सुदृढ़ हो रही है और इस क्षेत्र में आपसी निवेश बढ़ा है। उन्होंने कहा कि तेल और गैस के लिए अमेरिका भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण स्त्रोत बन गया है, चार वर्ष में हमारा कुल ऊर्जा व्यापार करीब 20 बिलियन डॉलर रहा है, नवीकरणीय हो या न्यूक्लियर ऊर्जा हमारे सहयोग को नई ऊर्जा मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसी तरह उद्योग 4.0 और 21वीं सदी की उभरती टेक्नोलॉजीज पर भी भारत-अमेरिका की साझेदारी नवाचार और उद्यम के नए मुक़ाम स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय पेशेवरों के टैलेंट ने अमेरिकी कंपनियों की टेक्नोलॉजीज को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि भारत और अमरीका आर्थिक क्षेत्र में निष्पक्ष और संतुलित व्यापार के लिए प्रतिबद्ध हैं, तीन वर्ष में हमारे द्विपक्षीय व्यापार में दो गुनी वृद्धि हुई है और वह ज्यादा संतुलित भी हुआ है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा, नागरिक विमान, रक्षा और उच्च शिक्षा क्षेत्र ने ही चार-पांच साल में भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंधों में लगभग 70 बिलियन डॉलर्स का योगदान किया है, इसमें से काफी कुछ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और फैसलों के कारण संभव हुआ है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां तक द्विपक्षीय व्यापार का सवाल है, हमारे वाणिज्य मंत्रियों के बीच सकारात्मक वार्ताएं हुई हैं एवं राष्ट्रपति और मैं सहमत हूं कि हमारे वाणिज्य मंत्रियों के बीच जो समझ बनी है, उसे हमारी टीमें कानूनी रूप दें, हम एक बड़े व्यापार सौदे के लिए वार्ता शुरु करने पर भी सहमत हुए है, हमें आशा है कि आपसी हित में इसके अच्छे परिणाम निकलेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तरपर भारत और अमरीका सहयोग हमारे समान लोकतांत्रिक मूल्यों और उद्देश्यों पर आधारित हैं, खासकर इंडो-पैसिफिक और वैश्विक कॉमन्स नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय आदेश के लिए यह सहयोग विशेष महत्व रखता है, हम दोनों देश विश्व में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में स्थायी और पारदर्शी वित्तपोषण के महत्व पर सहमत हैं, हमारा यह आपसी तालमेल एक-दूसरे के ही नहीं, बल्कि विश्व के भी हित में है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और अमरीका की खास मित्रता की सबसे महत्वपूर्ण नींव हमारे लोगों से लोगों के संबंध हैं, चाहे वो पेशेवरों या छात्रों, अमेरिका में भारतीय प्रवासी का इसमें सबसे बड़ा योगदान रहा है, भारत के ये राजदूत ना सिर्फ़ अपने टैलेंट और परिश्रम से यूएस की अर्थव्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं, बल्कि अपने लोकतांत्रिक मूल्य और समृद्ध संस्कृति से अमेरिकन समाज को समृद्ध भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी आयामों में भारत-अमेरिका रिश्तों को और ज्यादा मज़बूत बनाने में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। इस अवसर पर दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समझौते भी हुए।