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Wednesday 26 February 2020 04:22:28 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने भारतीय आदिम जाति सेवकसंघ के अखिल भारतीय जनजातीय कामगार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि भारतीय आदिम जाति सेवकसंघ विशेष रूपसे देश के जनजातीय, घुमंतू, अर्ध-घुमंतू और विमुक्त जाति समुदायों तथा समाज के कमजोर वर्गों के लिए काम करता है और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करता है, यह इन वर्गों के सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि ऐसा एक समान नागरिक के रूपमें देश में उनकी वैध हिस्सेदारी में उन्हें सक्षम बनाने की दृष्टि से किया जा रहा है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारतीय आदिम जाति सेवकसंघ राष्ट्रीयस्तर के जनजातीय संग्रहालय का भी रखरखाव कर रहा है। उन्होंने बताया कि ठक्कर बापा स्मारक सदन निकट झंडेवाला नई दिल्ली में है, जिसमें जनजातीय वस्तुओं और जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित किया गया है, इस संग्रहालय को देखने के लिए नियमित रूपसे देशभर के छात्र, पर्यटक, विद्वान और मानवविज्ञानी यहां आते रहते हैं। गौरतलब है कि भारतीय आदिम जाति सेवकसंघ का 24 अक्टूबर 1948 को ठक्कर बापा ने गठन किया था। यह राष्ट्रीय स्तर का स्वैच्छिक संगठन है। ठक्कर बापा सर्वेंट्स ऑफ इंडियन सोसायटी के समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता थे। एक निकट सहयोगी होने के नाते महात्मा गांधी ने उन्हें जनजातीय लोगों की ग़रीबी की गहरी जड़ों को हटाने के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
भारतीय आदिम जाति सेवकसंघ के निर्माण में ठक्कर बापा को प्रतिष्ठित राष्ट्रीयस्तर के सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं की सक्रिय भागीदारी भी प्राप्त हुई। संघ के पहले अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद थे, जो देश के पहले राष्ट्रपति पद पर भी रहे। अर्जुन मुंडा ने ठक्कर बापा के चित्र पर माल्यार्पण करके सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर जनजातीय बाल छात्रावास और कात्यायनी बालिका आश्रम की निराश्रित लड़कियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।