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Thursday 04 April 2013 11:13:46 AM
नई दिल्ली। हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण की संवेदनशीलता को देखते हुए क्षेत्र में उसकी रक्षा के अनेक उपाय किए गए हैं। भारत सरकार ने हिमालय से लगे राज्यों में पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की राष्ट्रीय कार्य योजना की शुरूआत की है, ताकि शिमला में 29-30 अक्तूबर, 2009 को हुए मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में हिमालय की पर्यावरण व्यवस्था बनाए रखने और उसे जलवायु परिवर्तन से सुरक्षित रखने का जो संकल्प पारित किया गया था, उसके अनुरूप कार्रवाई हो सके। उत्तराखंड के वन विभाग ने गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ धाम के आसपास वनारोपण गतिविधियां शुरू की हैं।
वानिकी और पर्यावरण विभाग, भारत सरकार ने हिमालय के हिमनदों के बारे में जो चर्चा पत्र तैयार किया है, उसमें इन ग्लेशियरों और क्षेत्रों के बारे में काफी सूचना दी गई है। इनमें गंगोत्री ग्लेशियर की चर्चा भी है। इसके अलावा जीबी पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान ने गंगोत्री ग्लेशियर के बारे में अध्ययन भी किए हैं। गंगोत्री में भागीरथी नदी में बर्फ पिघलने से पानी गिरता है और उसके साथ बड़ी मात्रा में गाद आती है, जिससे पानी की गुणवत्ता बिगड़ती है। संस्थान की तरफ से उत्तराखंड के धारसु और गंगोत्री क्षेत्रों में किए गए अध्ययन से पता चला है कि भागीरथी नदी के पानी की गुणवत्ता ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड के निर्धारित मापदंडों के अनुरूप है।