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Thursday 27 February 2020 04:08:27 PM
चेन्नई। केंद्रीय नौवहन राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने आज चेन्नई में एक समारोह में छठे तटरक्षक अपतटीय गश्ती पोत 'वज्र' का शुभारंभ करते हुए कहा है कि यह भारतीय तटरक्षक बल के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि छठे ओपीवी को पहलीबार समुद्र में उतारा जा रहा है, जो भारतीय तटरक्षक बल को 20 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक बड़े विशेष आर्थिक क्षेत्र के 7500 किलोमीटर से अधिक विशाल समुद्र तट को सुरक्षित करने के प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार के लिए भारतीय जल सीमा से होते हुए प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक व्यापारी जहाजों का आना-जाना है।
नौवहन राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने भारत के समुद्री इतिहास को याद करते हुए कहा कि भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को हासिल करने और उसे प्रदर्शित करने के लिए गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सिंधु घाटी की सभ्यता में कुछ शताब्दियों को छोड़कर हमेशा से समुद्री प्रौद्योगिकी में मजबूत साझेदार है। उन्होंने कहा कि भारत जहाज निर्माण और रक्षा के मामले में समर्पित दृष्टिकोण के साथ अपनी समुद्री क्षमताओं को फिर से हासिल कर रहा है। मनसुख मंडाविया ने निर्धारित समयसीमा के अनुसार पोत के वितरण के लिए मैसर्स एलएंडटी शिपबिल्डिंग को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया नीति के तहत लॉंच किया गया ओपीवी मैसर्स एलएंडटी शिपबिल्डिंग की निर्मित सात ओपीवी परियोजनाओं की श्रृंखला में छठा है।
मनसुख मंडाविया ने कहा कि ओपीवी-6 वास्तव में अत्याधुनिक सुविधा है, जो ऑपरेशन, निगरानी, खोज और बचाव के मामले में भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं को बढ़ाएगा। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि 43 वर्ष के भीतर भारतीय तटरक्षक बल ने अपने बेड़े की ताकत बढ़ा दी है और अब यह दुनिया के सबसे बड़े तट रक्षकों में से एक है। उन्होंने बताया कि जहाज का उपयोग दिन और रात गश्त, विशेष आर्थिक क्षेत्र में आतंकवाद रोधी व तस्करी विरोधी अभियानों के साथ-साथ तटीय सुरक्षा के लिए भी किया जाएगा। ओपीवी में अल्ट्रा आधुनिक तकनीक के साथ दो नेविगेशन रडार, अत्याधुनिक नेविगेशनल और नवीनतम संचार प्रणाली होगी। समारोह में भारतीय तटरक्षक महानिदेशक के नटराजन, महानिरीक्षक एस परमेश, कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) और कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।