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आंचलिक परिषद ने 83 % समाधान किए

ओडिशा के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया

पूर्वी क्षेत्र के त्वरित विकास पर अधिक ध्यान हो-अमित शाह

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Saturday 29 February 2020 02:54:36 PM

amit shah chairing the 24th meeting of the eastern zonal council

भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने उनके यहां चक्रवाती आपदाओं के दौरान तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। अवसर था केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भुवनेश्वर में पूर्वी आंचलिक परिषद की 24वीं बैठक, जिसमें परिषद के उपाध्यक्ष और मेजबान के रूपमें ओडिशा के मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के वित्तमंत्री रमेश उरांव और केंद्र तथा राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने बैठक में कोयले पर रॉयल्टी में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने जीएसटी से आय के भुगतान में देरी और धन के हस्‍तांतरण का मुद्दा उठाया। बिहार के मुख्यमंत्रीने गंगा नदी में बाढ़ की देखरेख के लिए राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति तैयार करने की जरूरत बताई। इस बैठक में कुल 48 विषयों पर विचार किया गया, जिनमें से 40 यानी 83 प्रतिशत से भी अधिक का समाधान निकाला गया।
आंचलिक परिषद में अपर महानंदा जल योजना पर 1978 में बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच हस्ताक्षर होने वाले फुलवारी बांध संबंधी विषय, ओडिशा के उत्तरी जिलों में नौपाड़ा-गुनुपुर-थेरुबली रेल लिंक परियोजना के विस्तार, बिहार और झारखंड के बीच पेंशन दायित्व के निर्धारण, भारत सरकार की कोयला कम्पनियों द्वारा राज्य सरकार की ज़मीन के इस्तेमाल, प्रधानमंत्री आवास योजना-केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा भूमि स्थानांतरण, बच्चों और महिलाओं के विरुद्ध यौन उत्पीड़न/ दुष्कर्म के मामलों में तत्काल आधार पर जांच संबंधी मुद्दे, भारत-बंग्लादेश सीमा पर मवेशी तस्करी/ मवेशियों की गैऱकानूनी आवाजाही, ओडिशा में दूरसंचार तथा बैंक कनेक्टिविटी की कमी, ओडिशा में गांजा-भांग की गैरकानूनी खेती और व्यापार, कोयला रॉयल्टी की समीक्षा, अपर्याप्त धन और विलम्ब, पेट्रोलियम परियोजनाओं की भूमि संबंधी समस्याएं जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप विचार-विमर्श के बाद देश के संघीय ढांचे को और मज़बूत करने के लिए सर्वसम्मति से फैसलों को लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप पूर्वी क्षेत्र के त्वरित विकास पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह बैठक कार्यसूची में शामिल विषयों के समाधान में निर्णायक और उपयोगी होगी। उन्होंने कहा कि कार्यसूची में दिए गए विषयों के अतिरिक्त वह चाहेंगे कि कानून और व्यवस्था तथा प्रशासनिक सुधारों से संबंधित विषयों को इसमें शामिल किया जाए और उनपर चर्चा की जाए, ताकि परिषद की बैठक देश के विकास को गति देने में सहायक हो। गृहमंत्री ने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों को केंद्रीय मंत्रालयों के साथ लंबित विषयों में निर्णय लेने में तेजी लाने को कहा। उन्होंने बैंकिंग सेवाओं के विस्तार पर बल दिया, ताकि दूर-दराज़ के क्षेत्रों को भी इनका लाभ मिले।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक में उम्मीद ज़ाहिर की कि केंद्र और राज्य एवं अंतरराज्य संबंधी मुद्दों का सहमति से समाधान निकालने में यह सार्थक बैठक होगी। केंद्रीय गृहमंत्री ने क्षेत्रीय परिषद प्रणाली की उपयोगिता के प्रति संतोष व्यक्त किया और सूचित किया कि 70 प्रतिशत से अधिक मुद्दों का समाधान क्षेत्रीय परिषदों की हाल की बैठकों में हुआ है तथा शेष मुद्दों पर भी सहमति बन जाएगी। उन्होंने संबोधन के समापन में कहा कि लंबित विषयों का समाधान नियमित चर्चा से करने की आवश्यकता है, नकि केवल क्षेत्रीय परिषद की बैठकों में। उन्होंने राज्यों से नियमित आधार पर डाटा साझा करने के काम को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के अनुरूप सहकारी संघवाद की भावना के साथ संपन्न हुई।

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