स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 3 March 2020 04:07:58 PM
पुणे। छिपाए विस्फोटकों का पता लगाना अब संभव हो गया है। पुणे में राष्ट्रीय विस्फोटक डिटेक्शन कार्यशाला-2020 में रेडर-एक्स (आरएआईडीईआर-एक्स) नाम से एक नई विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस का अनावरण किया गया है, इसमें एक दूरी डिवाइस से विस्फोटकों की पहचान करने की क्षमता है, यही नहीं अनेक विस्फोटकों के साथ-साथ मिलावट वाले विस्फोटकों का भी पता लगाने की क्षमता बढ़ाने के लिए सिस्टम में डेटा लाइब्रेरी बनाई जा सकती है। इस डिवाइस से छिपाकर रखे गए विस्फोटकों के ढेर का भी पता लगाया जा सकता है। हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी पुणे तथा भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर ने मिलकर रेडर-एक्स को विकसित किया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। एचईएमआरएल पुणे ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के हीरक जयंती समारोह पर यह दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की थी। गौरतलब है कि एचईएमआरएल पुणे डीआरडीओ की एक अग्रणी प्रयोगशाला है और एचईएमआरएल वैज्ञानिकों, टेक्नोक्रेटों तथा उपयोगकर्ताओं को हाल के प्रौद्योगिकीय सुधारों के बारे में ज्ञान, अनुभव तथा नवीनतम जानकारी साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। कार्यशाला के निष्कर्षों से विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइसों के और भी अधिक विकसित होने में मदद मिलेगी। डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने इस अवसर पर कहा कि विस्फोटकों का पता लगाना समय की अत्यधिक मांग है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां असामाजिक तत्वों के हमलों को विफल करने के लिए खुफिया एजेंसियों की मदद करने के साथ-साथ नाजुक ठिकानों की निरंतर निगरानी कर रही हैं।
डीआरडीओ अध्यक्ष ने हल्की डिवाइसों को विकसित करने में शिक्षा जगत एवं डीआरडीओ के संयुक्त प्रयासों की सराहना की है, जिसका सुरक्षा एजेंसियां अब सुरक्षित एवं प्रभावी इस्तेमाल कर सकती हैं। उन्होंने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, आईआईटी संस्थानों, हाई एनर्जी मैटेरियल उन्नत अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों तथा प्रतिनिधियों के प्रमुख वक्ताओं की मूल बातों को लेकर एक स्मारिका का भी विमोचन किया। कार्यशाला में डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, सेना, केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राज्य पुलिस, शैक्षिक संस्थानों, उद्योग जगत तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कुल 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।