स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 6 March 2020 01:55:19 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का सफल नेतृत्व करने वालों पर ‘क्रोनिकल्स ऑफ चेंज चैंपियंस’ शीर्षक की एक पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत राज्यों तथा जिलास्तरीय 25 नवाचार पहलों से जुड़ी सफलता की कहानियों का संकलन है, इसमें योजना को सफल बनाने के लिए जमीनी स्तरपर किए गए प्रयासों तथा जिला प्रशासन और अग्रिमपंक्ति पर काम करने वालों के जरिए सामुदायिक भागीदारी का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। स्मृति इरानी ने नवाचार पहल करने वाले 25 जिलों और उनकी राज्य सरकारों की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुस्तक में कहानी के रूपमें संकलित की गई ये पहलें अन्य जिलों और समुदायों के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगीं।
महिला और बाल विकास मंत्री ने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस जनांदोलन में सामूहिक रूपसे शामिल होकर बालिकाओं के अधिकारों का समर्थन करते हुए लिंगभेद रहित समाज के निर्माण के लिए आगे बढ़ें। स्मृति इरानी ने कहा कि योजना का जारी रहना बालिकाओं के लिए देश के संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह दशक भारतीय महिलाओं और बालिकाओं का दशक होगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष उनका मंत्रालय स्कूल बीच में छोड़कर जाने वाली लड़कियों को स्कूलों में वापस लाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ मिलकर स्थानीय समुदाय की मदद से एक मिशन शुरु कर रहा है। उन्होंने बालिका लिंगानुपात में पिछड़ रहे जिलों से हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों के साथ मिलकर काम करने को कहा, जिन्होंने बालिकाओं के लिंगानुपात में सुधार के लिए सराहनीय कार्य किया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ओ: जनांदोलन के माध्यम से लैंगिक भेदभाव के चलन को चुनौती’ पर एक पैनल चर्चा हुई और बीबीबीपी पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई। बीबीबीपी योजना बाल लिंग अनुपात में कमी और महिलाओं के सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम के रूपमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत हरियाणा से शुरु की थी। वर्तमान में यह देश के सभी 640 जिलों में चलाई जा रही है। यह योजना तीन मंत्रालयों महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल है। सामुदायिक स्तरपर सबकी भागीदारी इस योजना का आधार स्तंभ है। कार्यक्रम में केंद्र, राज्य सरकारों, जिला प्रशासनों और विभिन्न हितधारकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।