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Monday 9 March 2020 11:42:19 AM
नई दिल्ली। देश में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से अपने जीवन की सफलता की सच्चाईयां और कहानियां साझा कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके जीवन के हर क्षेत्र की साझा कहानियों को अनुकरणीय और प्रेरणादायी बताया। लेह, कश्मीर, आंध्र प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से राजधानी नई दिल्ली में नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित 15 महिला अचीवर्स ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी परेशानियों एवं संघर्षपूर्ण सफलताओं को साझा किया और बताया कि इनके बावजूद किस प्रकार उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। इन अचीवर्स में 103 वर्षीया मन कौर भी शामिल हैं, जिन्होंने 93 वर्ष की उम्र में एथलेटिक्स आरम्भ किया है और पोलैंड में वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में फील्ड एवं ट्रैक स्पर्धाओं में 4 स्वर्ण पदक जीते हैं।
जम्मू एवं कश्मीर की आरिफा जान नुम्धा हैंडीक्राफ्ट्स की संस्थापक हैं और उन्हें नुम्धा हस्तशिल्प के खोए गौरव के पुनरोद्धार का श्रेय हासिल है। उन्होंने कश्मीर में 100 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित करने और लुप्त हो रहे हस्तशिल्प को फिर से जीवंत करने के अपने अनुभव को साझा किया। भारतीय वायुसेना की पहली महिला लड़ाकू पायलेट्स मोहना सिंह, भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी ने भी अपने अनुभव साझा किए। इन तीनों को भारत सरकार ने प्रायोगिक आधार पर भारतीय वायुसेना में फाइटर क्षेत्र को खोले जाने के फैसले के बाद भारतीय वायुसेना के फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल किया था। वे 2018 में मिग-21 में सोलो फ्लाइट करने वाली पहली भारतीय महिला पायलट बनीं।
पडाला भूदेवी आंध्र प्रदेश की एक जनजातीय महिला कृषक और ग्रामीण उद्यमी हैं, जबकि बीना देवी मुंगेर बिहार की हैं, जिन्हें मशरूम की खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए प्यार से ‘मशरूम महिला’ कहा जाता है। इन दोनों महिलाओं ने भी प्रधानमंत्री के साथ खेती एवं विपणन के अपने अनुभव साझा किए। कलावती देवी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की एक महिला राजमिस्त्री हैं, जो जिले में खुले में शौच में कमी लाने की प्रेरणादायी हैं। उन्हें कानपुर एवं आस-पास के क्षेत्रों में 4000 से अधिक शौचालयों के निर्माण का श्रेय हासिल है। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा किया कि किस प्रकार खुले में शौच की बुराईयों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए वह हर दरवाजे पर गई और किस प्रकार खुले में शौच में कमी लाने के प्रयासों में उन्हें कानपुर के आस-पास के गांवों में घंटों की यात्रा करनी पड़ी।
झारखंड की चामी मुर्मू ने 30,000 से अधिक महिलाओं के साथ 2800 से अधिक समूहों का गठन करने और बंजर भूमि पर 25 लाख से अधिक पेड़ लगाने का अपना अनुभव साझा किया है। चामी मुर्मू एक उत्साही और पर्यावरणविद् है। केरल की 98 वर्षीया कथ्यायणी अम्मा ने अगस्त 2018 में चौथी कक्षा के समकक्ष केरल साक्षरता मिशन की अक्षरालक्षम योजना की परीक्षा उत्तीर्ण करने का अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया और 98 प्रतिशत अंक हासिल किए। इस अवसर पर उपस्थित जन समूह से प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं ने समाज के निर्माण और राष्ट्र को प्रेरित करने की दिशा में महान योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान के बिना देश खुले में शौच से मुक्त का दर्जा हासिल नहीं कर सकता था, उसी प्रकार महिलाओं की व्यापक भागीदारी से कुपोषण की समस्या को भी हल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के बारे में भी बात की और इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि जल जीवन मिशन में महिलाओं की व्यापक भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं (यानी अचीवर्स) को बधाई दी और कहा कि वे पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।