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Monday 9 March 2020 02:16:16 PM
नई दिल्ली। नीति आयोग ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवॉर्ड्स के चौथे संस्करण का आयोजन किया, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्य अतिथि के रूपमें डब्लूटीआई पुरस्कार प्रदान किए। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सशस्त्र बलों में पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है और आगे उनकी भूमिका को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। रक्षामंत्री ने तान्या शेरगिल का उदाहरण दिया, जिन्होंने गणतंत्र दिवस परेड में सभी पुरुष टुकड़ियों का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज कई नए मोर्चों का नेतृत्व कर रही हैं, जो कभी महिलाओं के लिए खोले भी नहीं गए थे। रक्षामंत्री ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि सशस्त्र बलों का कोई भी दरवाजा महिलाओं के लिए बंद नहीं रहना चाहिए। रक्षामंत्री ने कहा कि महिलाओं में सृजन, पोषण और परिवर्तन की अद्भुत क्षमता होती है। उन्होंने राष्ट्र के आर्थिक विकास में योगदान देने वाले कार्यबल में महिलाओं की भूमिका पर बल दिया, क्योंकि महिलाओं के उत्थान से ही समाज का विकास हो सकता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में महिलाओं की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने टिप्पणी की कि पुरस्कार विजेताओं ने न केवल उद्यमशीलता शब्द को पुर्नपरिभाषित करने के लिए वित्तीय और सामाजिक चुनौतियों को पार किया है, बल्कि इसे परिष्कृत भी किया है। उन्होंने कहा कि मैं महिला उद्यमियों को उनके सपने, असफलताएं और जीत एक दूसरे से साझा करने और उससे आगे बढ़ने का एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए नीति आयोग और डब्लूटीआई को बधाई देता हूं। डब्लूटीआई अवॉर्ड्स नीति आयोग की भारतीय महिला लीडरों और चेंजमेकर्स के सराहनीय और अभिनव प्रयासों को सामने रखने की एक पहल है। वर्ष 2018 से नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच के तत्वावधान में इस पुरस्कार की मेजबानी की गई, जिसमें उद्यमिता पर विशेष ध्यान दिया गया है। दो साल पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शुरू किया गया महिला उद्यमिता मंच महिला उद्यमियों को शिक्षित, सक्षम और सशक्त बनाने का एक समर्पित मंच बन चुका है।
महिला उद्यमिता मंच की पिछले दो वर्ष की यात्रा को एक वीडियो के माध्यम से पेश करने के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में तीन प्रमुख वक्ता थीं-देबजानी घोष अध्यक्ष नैसकॉम, अनी चोयिंग ड्रोलमा संगीतकार एवं महिला अधिकार कार्यकर्ता और चेतना गाला सिन्हा संस्थापक और अध्यक्ष मान देशी बैंक और फाउंडेशन, जिन्होंने डब्लूटीआई के तीन स्तंभों इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति और कर्म शक्ति के महत्व पर चर्चा की। इस समारोह ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और खाद्य तकनीक समेत कई अन्य क्षेत्रों की महिलाओं को पहचान दी है। डब्लूटीआई अवॉर्ड्स 2019 में 2300 आवेदन मिले थे, जिसमें स्वतंत्र मूल्यांकन और जूरी और सुपर जूरी दौर थे। इन तीन चरणों के जरिए शीर्ष 30 को छांटा गया था। डब्लूटीआई की शीर्ष 30 महिलाओं का दल अन्वेषकों की एक प्रभावशाली श्रृंखला तैयार करता है, जिन्होंने मजबूत व्यवसाय मॉडल का नेतृत्व किया या सफलता हासिल करने के लिए अनकही बाधाओं को पीछे छोड़ते हुए अभूतपूर्व नवाचार किया। डब्लूटीआई ने लगातार महिलाओं के आदर्शों को प्रेरित किया है। यह संस्करण वाणिज्यिक और सामाजिक दोनों क्षेत्रों में महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों के प्रसिद्ध कार्यों पर ध्यानाकर्षण था।
विजेता इस प्रकार हैं-डॉ प्रियंका मोक्षमार वायु होम अप्लायंसेज की सह-संस्थापक हैं। वायु होम भारत में पारंपरिक एसी के विकल्प के तौर पर आर्थिक रूपसे सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान करता है। यह अपने उत्पाद मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र और दिल्ली में बेच रहा है। राम्या वेंकटरमन्स सेंटर फॉर टीचर एक्रीडिटेशन ने एक प्रमाणन का ढांचा तैयार किया है जो शिक्षकों के कौशल और योग्यता के आकलन के साथ-साथ उन्हें बेहतर बनाने के लिए काम करता है। शिल्पी कपूर ने दिव्यांगों के लिए प्रौद्योगिकी की पहुंच पर केंद्रित कंपनी बैरियर ब्रेक शुरू की। यह कंपनी डिजिटल एक्सेस का उपयोग रोजाना विभिन्न चुनौतियों से जूझ रहे लोगों को मदद देने का काम करती है। रिंका बनर्जी की थिंकिंग फॉर्क्स, खाद्य और पोषण उद्योग में विशेषज्ञता वाला एक परामर्श संगठन है, जिसे कुपोषण से लड़ने के लिए उत्पादों को तैयार करने की अनुमति मिली है। यह कार्यक्रम भारत सरकार के जन स्वास्थ्य प्रयासों से जुड़ा है। निधि पंत अपनी साइंस फॉर सोसाइटी टीम की निर्जलीकृत वेजिटेबल स्नैक्स बेचने के नए आइडिया के जरिए अपशिष्ट और किसान के जीवन स्तर के मसले पर काम कर रही हैं। डॉ प्रवीण नायर सलाम बालक ट्रस्ट की संस्थापक ट्रस्टी हैं, जिन्होंने 81,000 से ज्यादा निराश्रित और बेघर बच्चों के पुनर्वास में सफलतापूर्वक काम किया है। इनको विशेष जूरी पुरस्कार मिला है।
अनुप्रिया बालिकाई की स्पूकफिश इनोवेशंस ने उत्पादों और फूड पैकेजिंग के लिए गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने का एक मानक तैयार किया है। वाया निरीक्षण मशीनें मौजूदा निर्माण लाइनों में जोड़ी और एकीकृत की जाती है। कल्पना शंकर परमाणु भौतिकी और लिंग मामलों में डबल डॉक्टरेट हैं। वह अपने हैंड इन हैंड संगठन के माध्यम से क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण देकर भारत में सबसे अधिक हाशिये पर पहुंचे और गरीब महिलाओं को सशक्त बना रही हैं। खुशबू जैन ने इम्पैक्ट गुरु, एक क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म बनाया, जो व्यक्तियों, एनजीओ और सामाजिक उद्यमों को सशक्त बनाता है। यह परिवार, दोस्तों और अपरिचितों से पैसे जुटाकर स्वास्थ्य सेवा, सामाजिक और व्यक्तिगत जरूरतों के लिए मदद करता है। स्नेहा सुंदरम की कंपनी कुतुकी अपने मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से भारतीय प्री-स्कूलों में व्याप्त सीखने की खाई को भरने पर फोकस करती है। इसने 50 हजार से ज्यादा यूजरों को आकर्षित किया है और डेटा का उपयोग करने का प्रयास किया गया।
जयंती प्रधान ओडिशा की एक एग्रो-प्रोसेसर और किसान हैं, जो अपने समुदाय में महिलाओं को शिक्षित कर रही हैं और आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनने के लिए उन्हें मशरूम की खेती की जानकारी और उपकरण आदि मुहैया करा रही हैं। जुगनू जैन सैपियन बायोसाइंसेज की संस्थापक और सीएसओ हैं, जो चिकित्सा नवाचारों का निर्माण करने के लिए चिकित्सा अपशिष्ट का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर भारत में टिश्यू-बैंक की जरूरत को पूरा कर रही हैं। प्रत्यूषा रेड्डी ने 2017 में अपने स्टार्टअप नीमोकेयर की स्थापना की। उनकी कंपनी का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर का मुकाबला करना और नवजात की देखभाल को बढ़ावा देना है। पूनम बीर कस्तूरी ने डेली डंप शुरू किया जो घरों, सामुदायिक दफ्तरों और सार्वजनिक स्थलों में विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उत्पादों और सेवाओं का निर्माण कर रहा है। रुचि जैन ने तारू नैचुरल्स की स्थापना की, जो भारत की प्राचीन विद्या और चिरस्थायी कृषि परंपराओं का लाभ उठाकर छोटे किसानों के एक नेटवर्क को सशक्त बनाने के लिए दीर्घकालिक खेती, उद्यम पर फोकस कर रहा है। सुजाता साहू का 17000 फीट फाउंडेशन एक सामाजिक उद्यम है, जो लद्दाख के सबसे अधिकांश ग्रामीण और अलग-थलग पड़े क्षेत्रों में समुदायों को शिक्षित और आगे बढ़ने के लिए माहौल देने पर काम कर रहा है।