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Thursday 12 March 2020 02:47:51 PM
नई दिल्ली। लोकसभा में दिल्ली दंगे पर बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दिल्ली दंगे एक सोची समझी साजिश के तहत किए गए थे। अमित शाह का कहना था कि दिल्ली दंगा सोशल मीडिया में भड़काया गया है, इसमें पैसा पहुंचा है, इन सबकी जांच चल रही है और कोई दोषी बच नहीं पाएगा। गृहमंत्री ने बताया कि सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को क्लेम सबमिशन समिति के गठन से संबंधित पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि इन दंगों के दौरान 52 लोगों की मृत्यु हुई है, 526 घायल हुए हैं, 371 दुकानें जली हैं, 142 घर जलाए गए। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस इतनी कठोर कार्रवाई करेगी कि दंगा करने वालों के लिए यह एक बड़ा सबक होगा। अमित शाह ने इस हिंसा में जान गवाने वालों के लिए दुख और मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली दंगे के पूरे घटनाक्रम को जिस उत्तेजक तरह से रखने का प्रयास किया जा रहा है, वह ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि 25 तारीख की रात 11 बजे के बाद से एक भी घटना घटित नहीं हुई। गृहमंत्री ने कहा कि सदन के माध्यम से देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार दंगों में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बचने देगी। अमित शाह ने कहा कि शांति समिति की साढ़े 600 से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। गृहमंत्री ने कहा कि इतने कम समय में और इतने बड़े स्तर पर दंगे फैलना यह जाहिर करता है कि यह कोई पूर्व नियोजित साजिश रही है, इस तरह के कामों में लिप्त संस्थाओं में कितनी राशि कहां से आई है, इसकी जांच की जा रही है। गृहमंत्री ने बताया कि 3 लोग जो दिल्ली के दंगों में वित्तीय सहायता पहुंचा रहे थे, उनकी शिनाख्त कर ली गई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए। विपक्ष के होली के बाद चर्चा कराने के प्रश्न पर जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि होली एक ऐसा त्यौहार है, जिसमें अलग-अलग प्रांतों में दंगों का इतिहास रहा है, इसलिए ऐसे समय में माहौल खराब न हो और होली शांतिपूर्ण ढंग से मनाई जा सके, इसलिए सदन में होली के बाद चर्चा का समय रखा गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस को जांच की तह में जाने देने के लिए कुछ समय की तो आवश्यकता होती है, जिसके आधार पर सदन में वह कारण रखे जा सकें। अमित शाह ने कहा कि हमारा इतना ही मकसद था कि शांति बनी रहे और होली के तुरंत बाद सदन में चर्चा हो किंतु सदन नहीं चलने दिया गया। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कई सदस्यों ने यह सवाल उठाया है कि दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी? इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि विपक्ष सत्ता पक्ष और सत्ता पक्ष के अधीन विभागों की कड़ी आलोचना करे, उसके इस अधिकार से कोई आपत्ति नहीं है, किंतु जब दंगों के दौरान पुलिस जूझ रही थी और जब पुलिस को तथ्यों की जांचकर उन्हें कोर्ट के सामने रखना था, तब दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के दूसरे भागों में हिंसा रोकने के लिए सकारात्मक और कारगर कदम उठाए, जिसके लिए वह प्रशंसा की पात्र है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के 4 प्रतिशत क्षेत्र और 13 प्रतिशत आबादी तक ही हिंसा सीमित रखने का काम दिल्ली पुलिस ने किया है और 12 थानों से आगे हिंसा नहीं बढ़े, दिल्ली पुलिस का यह प्रयास सफल रहा। अमित शाह ने कहा कि 24 फरवरी 2020 को दंगों की पहली सूचना प्राप्त हुई, 25 फरवरी रात 11 बजे अंतिम सूचना प्राप्त हुई और दिल्ली पुलिस ने बहुत ही संयम से काम लेकर 36 घंटे के अंदर हिंसा को समेटने का काम किया। गृहमंत्री ने कहा कि दूसरे दिन लगातार दिल्ली पुलिस के साथ चर्चा की गई कि यह दंगे आगे न फैलें। अमित शाह ने उन 2 दिन की अलग-अलग बैठकों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए वहां भेजा गया था। अमित शाह ने यह भी बताया कि तुरंत ही स्पेशल सीपी अपॉइंट किए गए और शीघ्रता से इस हिंसा को काबू करने का प्रयास किया गया। गृहमंत्री ने सदन को बताया कि दंगों में हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसके लिए यहां की भौगोलिक व्यवस्था को भी समझना पड़ेगा। उनका कहना था कि भारत की घनी आबादी वाला क्षेत्र होने के कारण और सकरी गलियों के होने के कारण पुलिस का वहां तक पहुंचना मुश्किल है, इसका क्षेत्र उत्तर प्रदेश की सीमा क्षेत्र से भी लगा हुआ है।
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि वर्तमान में 80 से ज्यादा कंपनियां वहां तैनात हैं और गुनाहगारों को पकड़ने की कार्रवाई शुरु की जा चुकी है, 26 तारीख के बाद से 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं, 26 सौ से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं, सीसीटीवी और वीडियो फुटेज का डिटेल एनालिसिस किया जा रहा है। गृहमंत्री ने बताया कि आमजन से भी हिंसा से संबंधित वीडियो फुटेज मंगाए गए हैं और बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस को फुटेज प्राप्त भी हुए हैं। फेस आईडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर से दंगाई चेहरों की पहचान की जा रही है, जिसके आधार पर यह भी तथ्य प्राप्त हुए हैं कि 300 से ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश से आकर यहां हिंसा करने के लिए जिम्मेदार हैं। अमित शाह ने कहा कि सीएए पर अल्पसंख्यकों को गुमराह किया जा रहा है, सीएए में किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है, इसमें केवल पीड़ित लोगों को नागरिकता देने का काम किया जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में सीएए के समर्थन में रैलियां निकली हैं और बड़ी संख्या में लोग उनमें शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर की हेट स्पीच के बाद शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ, क्योंकि देश की बड़ी पार्टी के नेता लोगों को उकसा रहे थे। गृहमंत्री ने बताया कि इस तरह भड़काऊ भाषण 24 तारीख को दंगों की शक्ल में परिवर्तित हो गए।