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Saturday 14 March 2020 07:25:40 PM
ऋषिकेश (उत्तराखंड)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दीक्षांत समारोह में नए स्नातकों को बधाई देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र को वैश्विक तौरपर अग्रणी बनाने संबंधी अपने दृष्टिकोण के तहत एम्स के रूपमें युवा डॉक्टरों को एक विशेष मंच प्रदान किया है। उन्होंने पढ़ाई पूरी करने वाले डॉक्टरों को सलाह दी है कि वे केवल अपनी आय अथवा पोस्टिंग के बारे में ही नहीं सोचें, बल्कि भारत के लिए एक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखें। एम्स के स्वास्थ्य सेवा माहौल पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि एम्स महज एक अस्पताल नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक संपूर्ण अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं सेवा प्रदान करने वाला संस्थान है। उन्होंने कहा कि देश में शुरू की गईं तमाम स्वास्थ्य पहलों के करण भारत आज स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काफी बदल चुका है। उन्होंने कहा कि अब उन पहलों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी युवा डॉक्टरों की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि पिछले छह वर्ष के दौरान 157 नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी दी जा चुकी है और उन्हें बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में छह नए एम्स की स्थापना की गई थी, लेकिन आज 16 अन्य एम्स के लिए कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य में एक एम्स सुनिश्चित करना सरकार का सपना है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले छह वर्ष में एमबीबीएस की 29,000 नई सीटें और चिकित्सा स्नातकोत्तर की 17,000 नई सीटें सृजित की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग स्नातकोत्तर के लिए 10,000 अन्य सीटें सृजित करने की एक नई योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक गांव में कम से कम एक डॉक्टर और संभाग में कम से कम एक स्नातकोत्तर डॉक्टर सुनिश्चित करना है। गृहमंत्री ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप भारत को विकास की ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए आवश्यक बताया। गृहमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संबंधी कल्याणकारी योजना है, जिसमें जटिल देखभाल भी शामिल है और इसे डॉक्टरों के लिए एक प्रमुख अवसर कहा जाता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्यों ने इस योजना को क्रियान्वित किया है और कुछने इस योजना में वृद्धि भी की है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उल्लेख किया कि 91 लाख से अधिक रोगियों ने ऑपरेशन के लिए इस योजना का लाभ उठाया है। गृहमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें योजना को लागू कर रही हैं और जनसंख्या के व्यापक कवरेज का प्रयास कर रही हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत जन औषधि केंद्र के लाभों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इन केंद्रों ने आम आदमी तक सस्ती दवाओं की पहुंच सुनिश्चित की है और हर महीने इन केंद्रों से 1 करोड़ से ज़्यादा परिवार इनसे लाभान्वित होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने मातृ मृत्युदर और शिशु मृत्युदर में भारी गिरावट सुनिश्चित की है। उन्होंने स्वस्थ भारत के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के चार घटकों को रेखांकित किया। गृहमंत्री ने कहा कि चार घटकों के पहले हिस्से में फिट इंडिया, मिशन इंद्रधनुष और योग जैसे निवारक पहलू शामिल हैं, दूसरे चरण में 22 एम्स के रूपमें स्वास्थ्य सेवा का प्रावधान और प्रत्येक राज्य में एक एम्स सुनिश्चित करना शामिल है, तीसरे चरण में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर सुनिश्चित करना है और इसके तहत सरकार 2024 तक हर संसदीय क्षेत्र में एक मेडकिल कॉलेज की स्थापना की दिशा में काम कर रही है, चौथे चरण में आयुष्मान भारत और पीएमबीजेपी योजना जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं की संरचना शामिल है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने नए डॉक्टरों को सलाह दी कि वे इस बात को हमेशा याद रखें कि डॉक्टर मरीज़ों के लिए भगवान के समान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य सेवा पेशेवर समुदाय के लिए 'स्वयं से पहले सेवा' एक आवश्यक अवधारणा है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को अपने देश में अवश्य रुकना चाहिए और भारत में अनुसंधान को मज़बूती देते हुए देशवासियों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्ञान का वास्तविक सार दूसरों की मदद करने में निहित है और प्रत्येक डॉक्टर का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत को ऊपर ले जाना होना चाहिए। अमित शाह ने विश्वास जताया कि 2030 तक भारत विश्व में स्वास्थ्य के हर पहलू जैसे-चिकित्सा, स्वास्थ्य शिक्षा, अनुसंधान, स्वास्थ्य आधार्भूत संरचना या उपचार और दवाओं की उपलब्धता में नंबर एक देश होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लिए एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य प्रणाली की परिकल्पना की है और उसे लागू भी कर दिया है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उपस्थित थे।