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Friday 20 March 2020 01:16:24 PM
नई दिल्ली। पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष ने सामान्य सरकार (जनरल गवर्नमेंट) के ‘राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की रूपरेखा’ की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति के विचारार्थ विषय हैं जैसे-यह समिति केंद्र सरकार, राज्यों, सामान्य सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए घाटे एवं कर्ज की परिभाषा पर अपनी सिफारिशें पेश करेगी। इसके तहत संप्रभु सरकार की सभी स्पष्ट एवं आकलन की जा सकने वाली देनदारियों पर विचार कर और इसके साथ ही ऋण तथा घाटे की परिभाषा के बीच अनुरूपता सुनिश्चित कर यह कार्य पूरा किया जाएगा। यह समिति समुचित समायोजन के साथ सामान्य सरकार और समेकित सार्वजनिक क्षेत्र के ऋण भार का अंदाजा या अनुमान लगाने के लिए सिद्धांतों को निर्दिष्ट करेगी, ताकि दोहरी गणना से बचा जा सके।
राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के लिए समिति आकस्मिक देनदारियों को परिभाषित करेगी, इसके अलावा समिति जहां कहीं भी संभव हो, इस तरह की देनदारियों के मात्रात्मक आकलन के तरीके उपलब्ध कराएगी और उन शर्तों को निर्दिष्ट करेगी, जिनके तहत आकस्मिक देनदारियां सार्वजनिक क्षेत्र की स्पष्ट देनदारियां बन जाती हैं। इन परिभाषाओं के आधार पर समिति विभिन्न स्तरों पर घाटे और ऋण भार की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेगी। समिति केंद्र सरकार, राज्यों और सामान्य सरकार के लिए वित्तवर्ष 2021 से लेकर वित्तवर्ष 2025 तक के लिए ऋण एवं राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की रूपरेखा के बारे में अपनी सिफारिश पेश करेगी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए समुचित परिदृश्य विकसित करने की कोशिश करेगी। पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह इस समिति की अध्यक्षता करेंगे। समिति के अन्य सदस्य होंगे-एएन झा और डॉ अनूप सिंह (जो 15वें वित्त आयोग के सदस्य हैं), भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और लेखा महानियंत्रक के कार्यालयों के एक-एक प्रतिनिधि तथा वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में संयुक्त सचिव (बजट)।
समीक्षा समिति में दो बाहरी विशेषज्ञ अर्थात डॉ साजिद जेड. चिनॉय और डॉ प्राची मिश्रा भी समिति के सदस्य होंगे। इसके अलावा समिति में राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी सदस्य के रूपमें शामिल होंगे। तमिलनाडु सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव एस कृष्णनऔर पंजाब सरकार के प्रधान सचिव अनिरुद्ध तिवारी इनमें शामिल हैं। समिति को विश्लेषणात्मक और डेटा संबंधी सहयोग नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान की एक टीम प्रदान करेगी। इसी तरह वित्त आयोग सचिवालय का आर्थिक प्रभाग समिति के कामकाज को सुगम बनाएगा और आवश्यक सहयोग देगा।