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Friday 20 March 2020 04:34:48 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने के लिए नवरात्र के अवसर पर राष्ट्र से नौ अनुरोध किए हैं, जिनमें एक अनुरोध यह है कि इस रविवार को देश की जनता प्रातः सात बजे से लेकर रात्रि नौ बजे तक जनता कर्फ्यू में रहे। प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि इस वैश्विक महामारी का सामना करने में सभी भारतीयों का धैर्य और संकल्प बहुत महत्वपूर्ण है, इस महामारी ने पूरे विश्व में कहर बरपाया है। उन्होंने नागरिकों से तेजी से फैलने वाले वायरस की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए उपायों का पालन करने का अनुरोध किया है। उन्होंने महामारी को हल्के में नहीं लेने की सलाह दी और कोविड-19 की रोकथाम के लिए जागरुक और सक्रिय होने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से हम स्वस्थ हैं तो पूरी दुनिया स्वस्थ है के मंत्र का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने यानी सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मानदंडों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानवता जीतती है तो भारत जीतता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से धैर्यपूर्वक मानदंडों का पालन करने का निवेदन करते हुए खुद को अलग-थलग रखने और बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने, घर से ही काम करने की कोशिश करने और अनावश्यक यात्रा से बचने का आग्रह किया। उन्होंने 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों से आने वाले कुछ हफ्तों के लिए अपने घरों से बाहर न निकलने का अनुरोध किया। अस्पतालों पर बढ़ते दबाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान नियमित जांच से बचें और जहां तक संभव हो सर्जरी की तारीख आगे बढ़ा दें। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से 22 मार्च 2020 को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे के बीच ‘जनता कर्फ्यू’ की अवधारणा का पालन करने का आग्रह किया, जिसमें आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के अलावा किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलना है। उन्होंने कहा कि इस तरह के जन-आंदोलन की सफलता और इससे प्राप्त अनुभव हमें आगे की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि 22 मार्च को हमारे प्रयास हमारे आत्मसंयम और राष्ट्रीयहित में कर्तव्य निभाने के संकल्प के प्रतीक होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से इसका नेतृत्व करते हुए एनसीसी और एनएसएस जैसे युवा संगठनों और सिविल सोसाइटियों से जनता कर्फ्यू को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस स्वयं कर्फ्यू के बारे में कम से कम दस अन्य लोगों को फोन कर सूचित करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, सरकारी कर्मचारी, एयरलाइन कर्मचारी, मीडियाकर्मी, बस, ट्रेन, ऑटो संचालक और होम डिलीवरी से जुड़े कई बहादुर लोग हैं, जो कोविड-19 की महामारी से लड़ने में सबसे आगे हैं। प्रधानमंत्री ने ऐसे कठिन समय के दौरान राष्ट्र की सेवा में लगे लोगों के सम्मान में 22 मार्च की शाम 5 बजे सभी नागरिकों से अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियों पर खड़े होकर पांच मिनट तक ताली या घंटी बजाने का आग्रह किया। उन्होंने देश की स्थानीय सरकारों से आग्रह किया कि वे शाम 5 बजे सायरन बजाकर समय का संकेत दें। प्रधानमंत्री ने महामारी की वजह से आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत कोविड-19 आर्थिक मोचन कार्यबल के गठन की घोषणा की। यह कार्यबल हितधारकों से संपर्क कर फीडबैक लेगा, जिसके आधार पर चुनौतियों का सामना करने के लिए फैसले लिए जाएंगे। कार्यबल इन चुनौतियों का सामना करने के लिए इन फैसलों के कार्यान्वयन को भी सुनिश्चित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापारिक समुदाय और उच्च आय समूह वालों से भी आग्रह किया कि वे निम्न आय वर्ग के उन लोगों की आर्थिक जरूरतों का ख्याल रखें, जिनसे वे विभिन्न सेवाएं लेते हैं। उन्होंने ऐसे लोगों के वेतन में कटौती न करने का आग्रह किया, जो मौजूदा स्थिति में कार्यस्थल पर नहीं पहुंच सके। प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में मानवता के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को यह भी भरोसा दिलाया कि भोजन, दूध, दवाई इत्यादि आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं होगी। उन्होंने लोगों से घबराहट में खरीदारी नहीं करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने लोगों से एकजुट होकर काम करने और कोविड-19 के संकट को दूर करने में पूरा योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने नागरिकों से गलत सूचना का शिकार नहीं होने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी के समय में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि मानवता जीतती है तो भारत जीतता है।