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विश्‍व आटिज्‍म जागरूकता दिवस मनाया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 05 April 2013 07:12:17 AM

नई दिल्ली। दिल्ली में 2 अप्रैल को विश्‍व स्‍वपरायणता आटिज्‍म जागरूकता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री, कुमारी सैलजा ने कहा कि इस दिन आटिज्‍मग्रस्‍त बच्‍चों को याद किया जा रहा है, यह बहुत अच्छी बात है। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने 2 अप्रैल को विश्‍व आटिज्‍म जागरूकता दिवस घोषित किया है, इस दिन उन बच्‍चों और बड़ों के जीवन में सुधार के कदम उठाए जाते हैं, जो आटिज्‍म ग्रस्‍त होते हैं और उन्‍हें सार्थक जीवन बिताने में सहायता दी जाती है। सामाजिक न्‍याय मंत्री ने कहा कि यह भले ही एक छोटा कदम जान पड़े, लेकिन हम इस दिन उनके कल्‍याण के लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कारगर कदम उठा सकते हैं।
सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि हर 110 में से एक बच्‍चा आटिज्‍म ग्रस्‍त होता है और हर 70 बालकों में से एक बालक इस बीमारी से प्रभावित है। इस बीमारी की चपेट में आने के बालिकाओं के मुकाबले बालकों की ज्‍यादा संभावना है, इस बीमारी को पहचानने का कोई पक्‍का तरीका ज्ञात नहीं है, लेकिन जल्‍दी निदान हो जाने की स्थिति में सुधार लाने के लिए कुछ किया जा सकता है। दुनियाभर में यह बीमारी पाई जाती है और इसका असर बच्‍चों, परिवारों, समुदाय और समाज पर पड़ता है।
आटिज्‍म ग्रस्‍त बच्‍चों के लिए राष्‍ट्रीय ट्रस्‍ट बनाए जाने पर कुमारी सैलजा ने कहा कि यह कदम ऐसे बच्‍चों के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकेगा। इस अवसर पर भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण ने दिल्‍ली की छह ऐतिहासिक इमारतों पर नीले रंग की रोशनी करवाई, नीला रंग आटिज्‍म का प्रतीक माना गया है। इस मौके पर आटिज्‍म ग्रस्‍त एक व्‍यक्ति श्रीकृष्‍ण नारायणन लिखित एक पुस्‍तक और अलग ही आशा शीर्षक एक गीत भी जारी किया गया।

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