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Tuesday 24 March 2020 05:53:32 PM
नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन यानी एनएसएम के विस्तार को देखते हुए 2020-21 एक महत्वपूर्ण वर्ष है। इस मिशन की स्थापना देश को सुपर कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए की गई थी, ताकि भारत में सुपर कंप्यूटरों के डिजाइन तैयार करने और स्वदेश में उनका निर्माण करने की क्षमता उत्पन्न करके शैक्षणिक समुदाय, अनुसंधानकर्ताओं, एमएसएमई और स्टार्टअप्स की बढ़ती अभिकलनात्मक मांगों को पूरा किया जा सके। देश की कंप्यूटिंग शक्ति को बढ़ावा देने के लिए अपनी तरह का पहला प्रयास राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने संयुक्त रूपसे संचालित किया है और केंद्र सरकार ने इसे उन्नत कंप्यूटिंग (सी-डैक) पुणे और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु के विकास के लिए लागू किया है। स्टार्ट-अप एसएसआई और एमएसएमई को परामर्श प्रदान करने के लिए सी-डैक बेंगलुरु में एक मिडलवेल 650 टीएफएस प्रणाली भी स्थापित की जानी है। लगभग 60-70 संस्थानों को सुपर कंप्यूटिंग सुविधा प्रदान करने और हजारों से अधिक सक्रिय शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और एनएसएम ने गति पकड़ी है, ताकि सुपर कंप्यूटर विशेषज्ञों की अगली पीढ़ी तैयार हो सके।
सुपर कंप्यूटिंग मिशन का लक्ष्य 2022 तक देश के राष्ट्रीय महत्व के शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में कुछ टेरा फ्लॉप्स2 (टीएफ) से लेकर टेरा फ्लॉप्स (टीएफ) के सैकड़ों और 3 पेटा फ्लॉप्स (पीएफ) के बराबर या उससे अधिक की तीन प्रणालियों के साथ सुपर कंप्यूटरों का एक नेटवर्क स्थापित करना था। कुल 15-20 पीएफ की परिकल्पना वाले सुपर कंप्यूटरों के इस नेटवर्क को 2015 में मंजूरी दी गई थी और बाद में इसमें संशोधन करके इसे कुल 45 पीएफ (45000 टीएफ) का कर दिया गया, जो उसी लागत के भीतर 6 गुना अधिक गणना शक्ति वाला और बड़ी और जटिल कम्प्यूटेशनल समस्याओं को हल करने में सक्षम था। जगह-जगह संशोधित योजना के साथ पहले सुपर कंप्यूटर को स्वदेशी रूपसे इकट्ठा किया गया था, जिसे परम शिवाय कहा जाता था और आईआईटी बीएचयू में स्थापित किया गया था, जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। इसी तरह के सिस्टम परम शक्ति और परम ब्रह्म IIT-खड़गपुर और IISER पुणे में स्थापित किए गए थे। वे वेदर एंड क्लाइमेट, कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनामिक्स, बायोइनफॉरमैटिक्स और मैटेरियल साइंस जैसे डोमेन एप्लिकेशन से लैस हैं। इसी तरह के सिस्टम परम शक्ति और परम ब्रह्म को आईआईटी-खड़गपुर और आईआईएसईआर पुणे में स्थापित किया गया। इसमें मौसम और जलवायु, कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनामिक्स, जैव सूचना विज्ञान और मैटिरियल साइंस जैसे डोमेन हैं।
अप्रैल 2020 तक तीन और सुपर कंप्यूटर स्थापित करने की योजना बनाई गई है, आईआईटी कानपुर, जेएन सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च बेंगलुरु और आईआईटी हैदराबाद में एक-एक सुपरकम्यूटर लगाया जाएगा। इनमें 6 पीएफ की सुपरकंप्यूटिंग सुविधा प्रदान की जाएगी। देशभर में विभिन्न आईआईटी, एनआईटी, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और आईआईएसईआर में इस वर्ष दिसंबर तक 11 नई प्रणालियां स्थापित किए जाने की संभावना है, जिसमें भारत में डिजाइन की गई अनेक उप-प्रणालियां और माइक्रोप्रोसेसर्स होंगे, जिन्हें 10.4 पेटाफ्लॉप्स की संचयी क्षमता में लाया जाएगा। देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए, 16 पीएफ की कुल कम्प्यूट पावर वाली 8 प्रणालियों को चालू किया जा रहा है। तीन 3 पीएफ कंप्यूटिंग शक्ति वाली स्वदेश में डिज़ाइन की गई 5 प्रणालियों को आईआईटी मुम्बई, आईआईटी चेन्नई और दिल्ली में अंतर-विश्वविद्यालय त्वरित केंद्र (आईयूएसी) में स्थापित किया जाएगा जिसकी रीढ़ एनकेएन होगा। इसमें सी-डैक पुणे में एक स्वदेशी रूपसे निर्मित 20 पीएफ प्रणाली और 100 पीएफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम भी शामिल है।