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Thursday 16 April 2020 06:24:07 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कोविड-19 के दृष्टिगत छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गतिविधियों को सुचारु रूपसे जारी रखने के लिए आज नई दिल्ली में वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया है। कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति में बच्चे घर में अभिभावकों और शिक्षकों की मदद से रुचिकर ढंग से शिक्षा प्राप्त कर सकें, इसी उद्देश्य के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर एनसीईआरटी ने यह वैकल्पिक कैलेंडर बनाया है। एचआरडी मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान में शिक्षा को आनंददायक और रुचिपूर्ण बनाने वाली बहुत सी प्रौद्योगिकी, तकनीकें और सोशल मीडिया उपकरण मौजूद हैं, जिनका उपयोग बच्चे घर पर रहकर कर सकते हैं, इसके बावजूद हमें इसकी एक रूपरेखा बच्चों के लिए बनाने की आवश्यकता थी, ताकि वे व्यवस्थित ढंग से घर में रहकर सीख सकें।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि यह कैलेंडर शिक्षकों को दिशा-निर्देश देता है कि वे किस प्रकार विभिन्न तरह के प्रौद्योगिकीय और सोशल मीडिया उपकरणों का उपयोग करके घर पर ही बच्चों को उनके अभिभावकों की मदद से शिक्षा दे सकें। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कई लोगों के मोबाइल फोन में इंटरनेट की सुविधा न हो और हम सोशल मीडिया उपकरणों को उपयोग नहीं कर पाएं, इसलिए यह कैलेंडर इस बात के दिशा-निर्देश देता है कि शिक्षक विद्यार्थियों का मार्गदर्शन मोबाइल पर एसएमएस भेजकर या फोन कॉल करके कर सकते है। इंटरनेट होने की स्थिति में सोशल मीडिया के व्हाट्स एप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगआउट का उपयोग करके एक समय में एक से ज्यादा विद्यार्थियों और अभिभावकों से जुड़ा जा सकता है। एचआरडी मंत्री ने कहा कि 1 से 12 तक की सभी कक्षाएं और विषय इस कैलेंडर में शामिल होंगे, यह कैलेंडर बच्चों के सीखने की ज़रूरत का ध्यान रखेगा, जिसमें दिव्यांग बच्चे भी सम्मिलित हैं, ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों, इत्यादि से उनकी आवश्यकताओं को संबोधित किया जाएगा।
एचआरडी मंत्री ने कहा कि इस कैलेंडर को सप्ताहवार दिया गया है और इसमें पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तक के अध्याय या विषय से संबंधित रुचिकर और चुनौतीपूर्ण गतिविधियां सम्मिलित हैं, इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग सीखने के प्रतिफलों के साथ की गई है। रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि बच्चे पाठ्यपुस्तकों के परे जाकर सीखने के लिए अभिप्रेरित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें अनुभव आधारित अधिगम के लिए कला शिक्षा तथा शारीरिक शिक्षा योग से संबंधित गतिविधियां दी गईं हैं, तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी सुझाए गए हैं | कैलेंडर में चार भाषा विषयों को शामिल किया गया है-संस्कृत, उर्दू, हिंदी एवं अंग्रेजी। इसमें ई-पाठशाला, एनआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार दी गई ई-सामग्री के लिंक्स को भी शामिल किया गया है।
एचआरडी मंत्री ने स्पष्ट किया कि ये गतिविधियां सुझावात्मक हैं नकि आदेशात्मक और इसमें क्रम की भी कोई बाध्यता नहीं है, शिक्षक और अभिभावक क्रम का ध्यान दिए बिना विद्यार्थी की रुचि वाली गतिविधियों का चयन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसे एनसीईआरटी, राज्य स्कूल शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा बोर्ड्स, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति इत्यादि संस्थाओं के साथ विडियो कॉंफ्रेंसिंग और डीटीएच चैनलों पर प्रसारित और प्रचारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर सकारात्मक तरीकों से कोविड-19 की चुनौतियों का सामना किया जा सकेगा।