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Saturday 18 April 2020 06:42:01 PM
लखनऊ। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान यानी सीडीआरआई ने उत्तर प्रदेश में कोविड-19 मरीजों से प्राप्त वायरस स्ट्रेन के सीक्वेंस की खोज करने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता किया है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की पांच में से तीन श्रेणियों पर काम करते हुए सीडीआरआई और केजीएमयू प्रारंभ में लखनऊ प्रयोगशाला में कोविड-19 रोगियों के नमूनों से प्राप्त वायरस के स्ट्रेन का सीक्वेंस तैयार करेंगे। यह गतिविधि पहली श्रेणी डिजिटल और आणविक निगरानी के तहत होगी। अबतक कोरोना वायरस के आठ अलग-अलग प्रकारों का पता चला है, जिनके कारण कोविड-19 का संक्रमण होता है। वायरस सीक्वेंस में यदि कोई बदलाव हो तो क्या वह प्रस्तावित उपचार रणनीतियों को प्रभावित करेगा? इसके विश्लेषण के लिए भी एक टीम गठित कर दी गई है।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सा या दवाओं के लक्ष्य का पुनर्निर्धारण दूसरी श्रेणी है, जिसपर सीडीआरआई काम कर रहा है। इसके तहत शोधकर्ता कुछ दवाओं के लक्ष्य के पुनर्निर्धारण करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें वर्तमान में चिकित्सक उपयोग भी कर रहे हैं। सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक प्रोफेसर तापस कुमार ने बताया है कि कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ ज्ञात दवाओं के लक्ष्य का पुनर्निर्धारण चिकित्सा प्रदान करने का सबसे तेज़ तरीका है। उन्होंने कहा कि सीडीआरआई ने लक्ष्य के पुनर्निर्धारण के लिए कई दवाओं की पहचान की है, जिन्हें सहयोग के साथ आगे विकसित किया जाएगा। संस्थान के पास अणुओं का एक विविध संग्रह है और सार्स-सीओवी-2 के औषधि लक्ष्यों के एक पैनल के खिलाफ इनकी स्क्रीनिंग भी की गई है। लक्ष्य आधारित स्क्रीनिंग प्रणाली यह तीसरी श्रेणी है। पहचाने गए हिट्स का मूल्यांकन प्रारंभिक दवा लक्ष्य आधारित स्क्रीन में किया जाएगा।
प्रोफेसर तापस कुमार ने बताया कि एम-प्रोटीज, सीएल-प्रोटीनटेज, आरएनए-निर्भर आरएनए पोलीमरेज़, स्पाइकप्रोटीन-एसीई 2 प्रणाली और अन्य लक्ष्यों पर वर्तमान में काम किया जा रहा है। सहयोगी प्रयोगशालाओं और केजीएमयू की मदद से उनके बंधन एवं अवरोध का मूल्यांकन इन-विट्रो और इन-विवो प्रणालियों के आधार पर किया जाएगा। प्रोफेसर अमिता जैन केजीएमयू के वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व करेंगी, जबकि सीएसआईआर-सीडीआरआई के वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व प्रोफेसर आर रविशंकर करेंगे। सीडीआरआई के वायरोलॉजिस्ट और केजीएमयू के छात्र रहे डॉ राजकमल त्रिपाठी सीएसआईआर-सीडीआरआई में स्क्रीनिंग से जुड़े सभी कार्यों का नेतृत्व कर रहे हैं।