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Sunday 19 April 2020 05:51:23 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कोरोना महामारी पर गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए 20 अप्रैल से दी जाने वाली छूट के सम्बंध में राज्यों से भी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर स्थिति को नियंत्रण में रखने के निर्देश दिए हैं। गृहमंत्री ने कहा है कि भारत अभी भी कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है, इसलिए लॉकडाउन प्रतिबंधों के साथ समय-समय पर दिए गए दिशा-निर्देशों का निष्ठापूर्वक पालन किया जाना चाहिए। समीक्षा के दौरान गृहमंत्री के निर्देशानुसार ऐसे क्षेत्र जो हॉट-स्पॉट, क्लस्टर्स या कंटेंमेंट ज़ोन में नहीं आते हैं और जिनमें कुछ गतिविधियों की अनुमति दी जा रही है, वहां सावधानी बरतना और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि छूट केवल वास्तविक परिस्थितियों का यथोचित आंकलन करके दी जाएगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए ही ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी गई है, इसलिए जिलाधिकारियों को उद्योग समूहों के सहयोग से राज्य के भीतर ही मज़दूरों को उनके कार्यस्थल पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का यह मानना है कि इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी, अपितु मज़दूरों को रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि बड़ी औद्योगिक इकाइयों और औद्योगिक परिसरों के संचालन पर राज्य विशेष ध्यान दें, विशेषकर ऐसी इकाइयों के संचालन पर जहां मज़दूरों को परिसर में ही रखने की व्यवस्था हो, इससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी और मज़दूरों को रोज़गार प्रदान करने में मदद मिलेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस विषम परिस्थिति में नरेंद्र मोदी सरकार देश के सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है, उद्योगों के साथ कृषि तथा मनरेगा गतिविधियों के माध्यम से भी मजदूरों को रोज़गार देने की संभावनाओं पर कार्य करना होगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वे मज़दूर जो राहत शिविरों में रह रहे हैं, उनके लिए उपलब्ध सुविधा जैसे-भोजन की गुणवत्ता आदि पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए, यद्यपि स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन इस प्रकार के मुद्दों को संबोधित किया जा सकता है। गृहमंत्री ने कहा कि राज्यों को यह भी सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि अब जब मेडिकल टीमों के माध्यम से सामुदायिक परीक्षण किए जा रहे हैं तो मेडिकल टीमों को उचित सुरक्षा दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि सामुदायिक परीक्षण के लिए जाने से पहले समुदाय के ज़िम्मेदार नेताओं को शामिल करके शांति समितियों को सक्रिय किया जाए तो काम को सुचारू रूपसे किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास से कोविड-19 के परीक्षण, उपचार और संबंधित पहलुओं के बारे में लोगों को जागरुक बनाकर उनमें फैले भय और भ्रांतियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी। गृहमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दिशा-निर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त गश्त की जानी चाहिए, जिलाधिकारी निगरानी के लिए पुलिस, पंचायत अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों आदि की मदद ले सकते हैं।