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Friday 05 April 2013 11:25:49 AM
कानपुर। खराब कानून व्यवस्था और अपराधों पर नियंत्रण न पाने का कलंक ढो रही उत्तर प्रदेश पुलिस के अफसरों की टीम खुद ही पैट्रोलिंग पर निकल पड़ी है। उसने पहला निशाना कानपुर रेंज पर साधा और जहां भी कोई पुलिसवाला गड़बड़ी करता मिला उसका बिस्तर बांध दिया गया। पुलिस का हौसला भी बढ़ाया गया। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने समीक्षा के बाद कहा कि बड़े इनामी अपराधियों को गिरफ्तार करने वाले पुलिस कर्मियों को आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति देने पर भी शासन में गंभीरता से विचार चल रहा है। कानपुर के सर्किट हाउस सभागार में कानपुर परिक्षेत्र की अपराध स्थिति एवं कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में उन्होंने यह जानकारी दी। बैठक मे पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने फर्रूखाबाद जिले के क्षेत्राधिकारी मोहम्दाबाद योगेश कुमार का कार्य संतोषजनक न पाए जाने पर उनके विरूद्ध प्रारंभिक जांच के आदेश दिए।
बैठक के बाद कानपुर नगर के थाना रेल बाजार का औचक निरीक्षण भी किया गया। हेड मोहर्रिर का कार्य असंतोषजनक पाए जाने पर उसे निलंबित करने तथा थानाध्यक्ष का अच्छा कार्य मिलने पर उसे प्रशंसापत्र दिए जाने के निर्देश दिए गए। पुलिस महानिदेशक ने कानपुर नगर के पुलिस नियंत्रण कक्ष की सक्रियता जांचने के लिए 100 नंबर पर फोन मिलाया और ड्यूटी महिला कांस्टेबिल ज्योति द्विवेदी का व्यवहार ठीक न पाए जाने पर उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अभियोजन विभाग की समीक्षा में कानपुर नगर के दो अभियोजन अधिकारियों वीरेंद्र चक एवं सतीश वर्मा को चेतावनी देने के निर्देश दिए गए। आरएम श्रीवास्तव ने बताया कि अपराधियों को सजा दिलाने के कार्य में तेजी लाए जाने के उद्देश्य से कई कदम उठाए गए हैं। जनपद में पुलिस की विवेचनाओं को और अधिक विधि-सम्मत बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चालानी रिपोर्ट न्यायालय भेजने से पूर्व अभियोजन अधिकारियों से उसका विधिक परीक्षण कराया जाएगा।
बैठक मे विवेचना में वैज्ञानिक साक्ष्यों को अपनाए जाने की आवश्यकता पर विशेष रूप से बल दिया गया। जिलों में कई वर्ष से लंबित विसरा जांच के मामलों की सूची बनाकर उनके शीघ्र निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए गए। विधि विज्ञान प्रयोगशाला का अभी हाल में ही शुरू किए गए लाइ-डिटैक्सन टैस्ट, डीएनए टैस्ट आदि का भी अपराध नियंत्रण की दिशा में विशेष रूप से प्रयोग किया जाएगा, ताकि विवेचना मे वैज्ञानिक तथ्य शामिल रहें।पुलिस महानिदेशक ने इनामी, वांछित व सक्रिय अपराधियों की सूची बनाकर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं, साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में होने वाले अपराध के तौर-तरीकों की समुचित जानकारी कर तदनुरूप रोकथाम हेतु प्रभावी कदम उठाएं।
पेशेवर अपराधियों को चिन्हित कर उनके मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर सजा दिलाए जाने के लिए विभिन्न जिलों में की गई कार्रवाई की भी विस्तार से समीक्षा की गई तथा इसमें और अधिक सुधार लाए जाने के कड़े निर्देश दिए गए। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिन अपराधियों से समाज पर सीधा असर पड़ता है, उनको सजा दिलाए जाने हेतु उनके मुकदमों की प्रभावी पैरवी को विशेष प्राथमिकता दी जाए। हर्ष फायरिंग की घटनाओं में फायरिंग करने वाले तथा आयोजकों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई किए जाने तथा सार्वजनिक स्थल पर असलाहों का प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की भी विस्तार से समीक्षा की गई, इन घटनाओं पर कड़ाई से रोक लगाए जाने के निर्देश दिए गए। आगामी गेंहू खरीद के अवसर पर भी आवश्यकतानुसार प्रभावी पुलिसिंग के निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव गृह एवं पुलिस महानिदेशक ने यह भी निर्देश दिए हैं कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों व थानाध्यक्षों की गाड़ियों में पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंर्तगत उपलब्ध कराए गए उपकरणों यथा वीडियो कैमरा, लाउड हेलर, टीयर गैस, शील्ड बाडी प्रोटैक्टर आदि अनिवार्य रूप से मौजूद रहें, ताकि आवश्यकतानुसार उनका तत्काल उपयोग किया जा सके। इसके अलावा पुलिस लाइन व थानों में पड़े उपकरणों यथा सीसीटीवी आदि को भी सुव्यवस्थित रूप से उपयोग किया जाए। यह भी सुझाव दिया गया कि बैंकों के बाहर, सर्राफा बाजार व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर जन सहयोग से भी सीसीटीवी कैमरा स्थापित किए जाने हेतु पहल की जाए, ताकि अपराधियों को चिन्हित करने एवं अपराधों की रोकथाम में मदद मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि महिला उत्पीड़न व एससी /एसटी उत्पीड़न के प्रकरणों में धारा 164 के अंर्तगत बयान कराने के लिए विशेष रूप से प्रयास किए जाएं, ताकि अभियुक्तों को सजा दिलाने में आसानी रहे।
प्रदेश में हर हाल में सांप्रदायिक सद्भाव एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। माहौल खराब करने वाले तत्वों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी। मंडलायुक्त तथा जिलाधिकारियों से कहा गया है कि अधीनस्थ न्यायालयों का समय से निरीक्षण कर समुचित मार्गदर्शन करें तथा निरोधात्मक कार्रवाई के प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन आरएन सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षक कारागार आरपी सिंह और अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना जवाहर लाल त्रिपाठी ने भी बैठक में अपने-अपने विभागों से संबंधित कार्यो एवं उनमें जिला प्रशासन के सहयोग पर विस्तार से विचार विमर्श किया। बैठक में कानपुर की मंडलायुक्त शालिनी प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक कानपुर जोन सुनील कुमार गुप्ता, पुलिस उपमहानिरीक्षक कानपुर परिक्षेत्र आरके चतुर्वेदी के अलावा कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, कन्नौज, फर्रूखाबाद, औरैया के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक एवं क्षेत्राधिकारी उपस्थित थे।