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Saturday 06 April 2013 10:24:45 AM
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अधिवक्ता कल्याण निधि के लिए 40 करोड़ रुपए तथा युवा अधिवक्ता न्यास के लिए 10 करोड़ रुपए की धनराशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए पेंशन योजना के साथ-साथ बीमा की धनराशि 5 लाख रुपए करने पर भी प्रदेश सरकार विचार कर रही है। मुख्यमंत्री इलाहाबाद में बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता भवन के उद्घाटन के बाद आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता को आवासीय सुविधा एवं चैंबर के लिए भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने बार काउंसिल के सदस्यों की सुरक्षा और सम्मान की चर्चा करते हुए कहा कि इस प्रकरण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद राज्य सरकार आवश्यक कार्रवाई करेगी।
कानून व्यवस्था के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसी को भी कानून व्यवस्था खराब करने की इजाजत नहीं देगी। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण वादों को पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने देश की आजादी में अधिवक्ताओं के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि सामाजिक सुधार के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण आंदोलनों में अधिवक्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। उन्होंने अधिवक्ताओं को समाज का सबसे अधिक जागरुक एवं समझदार सदस्य बताते हुए कहा कि समाज को सही दिशा देने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि न्यायिक क्षेत्र में अनेक महान-विभूतियों कानूनविदों ने इलाहाबाद के साथ-साथ देश में अपना नाम रोशन किया है।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को विश्व का सबसे बड़ा बार बताते हुए कहा कि न्याय दिलाने में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस अवसर पर इलाहाबाद के सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह तथा उप्र बार काउंसिल के अध्यक्ष इमरान माबूद खान ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में महाधिवक्ता एसपी गुप्ता, प्रमुख सचिव न्याय एसके पांडेय, बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष आरके चतुर्वेदी, सचिव पीएन त्यागी सहित बार काउंसिल के कई पूर्व एवं वर्तमान पदाधिकारियों के साथ-साथ बड़ीसंख्या में अधिवक्ता मौजूद थे।