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Monday 27 April 2020 06:44:44 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड-19 महामारी से निपटने हेतु आगे की योजना बनाने के लिए विचार-विमर्श किया और कहा कि वे अपने यहां की कोरोना संक्रमण की स्थितियों के अनुसार लॉकडाउन हटाने या बने रहने का निर्णय ले सकते हैं। प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ यह चौथी चर्चा थी। इससे पहले 20 मार्च, 2 और 11 अप्रैल को यह बैठक हुई थी। प्रधानमंत्री ने बैठक में यह बात रेखांकित की कि लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम आए हैं और देश पिछले डेढ़ महीने में हजारों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी कई देशों की संयुक्त जनसंख्या के बराबर है, इस दृष्टि से भारत सहित कई देशों की स्थिति मार्च की शुरुआत में कमोबेश एकसमान थी, तथापि भारत समय पर कारगर प्रयासों की बदौलत अनगिनत लोगों की ज़िंदगी की रक्षा करने में सक्षम रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके साथ ही आगाह भी किया कि कोरोना वायरस का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है और इससे निरंतर सतर्क रहना सबसे अधिक जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने अबतक दो लॉकडाउन देखे हैं, दोनों ही कुछ पहलुओं में एक-दूसरे से भिन्न हैं और अब हमें आगे की राह के बारे में सोचना होगा, हमें अर्थव्यवस्था को विशेष महत्व देना होगा और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी होगी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस का प्रभाव आने वाले महीनों में भी दिखाई देगा। दो गज की दूरी का मंत्र दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मास्क और फेस कवर आने वाले दिनों में हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएंगे, इन परिस्थितियों में तेजी से प्रभावकारी कदम उठाना निश्चित तौरपर हर किसी का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज कई लोग स्वयं ही आगे आकर यह जानना चाह रहे हैं कि क्या उन्हें खांसी और सर्दी या इस रोग के लक्षण तो नहीं हैं, जोकि एक स्वागत योग्य संकेत है। उन्होंने प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करने के महत्व और इसके साथ ही उसमें सुधार लाने वाले उपायों को अपनाने में समय का सदुपयोग करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश के प्रयासों को मजबूती प्रदान करने के लिए अधिक से अधिक लोग आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि हमें साहसी बनना होगा और आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने वाले सुधारों को लागू करना होगा। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि विश्वविद्यालयों से जुड़े लोगों को कोरोना महामारी से लड़ने के तरीकों को विकसित करने और अनुसंधान के साथ नवाचार को भी मजबूत करने के लिए एकीकृत किया जा सकता है। उन्होंने हॉटस्पॉट यानी रेड जोन क्षेत्रों में दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने में राज्यों के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को रेड जोन को पहले ऑरेंज जोन में और फिर ग्रीन जोन में बदलने की दिशा में अपने प्रयासों को केंद्रित करना चाहिए। विदेश में रह रहे भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए कि उन्हें कोई असुविधा न हो और उनके परिवार किसी भी जोखिम में नहीं आ पाएं। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वे आगे की रणनीति तैयार करते समय मौसम में बदलाव यथा गर्मी एवं मानसून के आगमन और इस मौसम में आने वाली बीमारियों को अवश्य ही ध्यान में रखें।
वीडियो कॉंफ्रेंसिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने लॉकडाउन लागू करने की आवश्यकता को फिरसे दोहराया, ताकि अधिक से अधिक लोगों का जीवन बचाया जा सके। मुख्यमंत्रियों ने महामारी संकट की इस अवधि में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और इसके साथ ही कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपने-अपने प्रयासों पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर पैनी नज़र रखने की आवश्यकता को रेखांकित किया और इसके साथ ही आर्थिक चुनौतियों का सामना करने तथा स्वास्थ्य अवसंरचना को और भी अधिक मजबूत करने के उपाय सुझाए। प्रधानमंत्री, उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों और मुख्यमंत्रियों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पुलिस बल और चिकित्साकर्मियों के अनुकरणीय सहयोग के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। बैठक में अनेक मुख्यमंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि लॉकडाउन को और बढ़ाया जाए, इसपर प्रधानमंत्री ने इसे मुख्यमंत्रियों पर ही छोड़ा और कहा कि हर राज्य अपनी स्थिति के अनुसार इसपर फैसला ले। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि लॉकडाउन-2 के अंतिम दिन प्रधानमंत्री देशवासियों को पुनः संबोधित करेंगे।