स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 28 April 2020 12:13:39 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने वेबिनार के माध्यम से देशभर के अभिभावकों और छात्रों से संवाद किया है और कोविड-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से उनके मन में उठ रहे विभिन्न सवालों के जवाब दिए। इस वेबिनार संवाद से जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक और गुवाहाटी से लेकर गुजरात तक लगभग 20000 अभिभावक जुड़े। एचआरडी मंत्री ने वेबिनार संवाद से ऑनलाइन शिक्षा के लिए विभिन्न अभियानों और योजनाओं से अभिभावकों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि एचआरडी मंत्रालय को अपने छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों की चिंता है और इसी वजह से हमने पहले से चली आ रही विभिन्न योजनाओं को युद्ध स्तर पर लागू किया, जिसका लाभ देश के 33 करोड़ छात्र कभी भी और कहीं से भी उठा सकते हैं।
एचआरडी मंत्री ने देशभर के अभिभावकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि देश इस समय अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है, अभिभावकों के लिए ये समय और भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई की और भविष्य की चिंता भी सता रही होगी। रमेश पोखरियाल निशंक ने अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की पढ़ाई की दिशा में दीक्षा, ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार, स्वयं, डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा इत्यादि से छात्रों की पढ़ाई अनवरत जारी रखने का प्रयास कर रहा है। रमेश पोखरियाल ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाने के लिए भारत पढ़े ऑनलाइन अभियान की शुरुआत की गई, जिसमें देशभर से छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों से सुझाव मांगे गए थे। उन्होंने बताया कि हमें 10000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे, जिस पर मंत्रालय बहुत जल्द दिशानिर्देश लेकर आएगा।
केंद्रीय मंत्री ने विद्यादान 2.0 के बारे में बताया कि इस अभियान के तहत देश के शिक्षाविदों और शैक्षणिक संगठनों से विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर पाठ्यक्रम के अनुसार सामग्री विकसित करने और इसमें योगदान देने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में अनेक शिक्षाविदों एवं शैक्षणिक संस्थानों ने अपनी रूचि दिखाई है और आशा है कि बहुत जल्द हमें इसकी काफी सारी पाठ्यसामग्री मिल जाएगी। संवाद के दौरान डॉ निशंक ने अभिभावकों के सवालों के जवाब भी दिए। सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं आयोजित कराने के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालात सामान्य होने पर मुख्य विषयों के 29 पेपर्स की परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। लॉक डाउन में विद्यार्थियों की शिक्षा का नुकसान कैसे कम किया जाए इस सवाल के जवाब में उन्होनें कहा कि मंत्रालय के विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विद्यार्थियों की शिक्षा जारी है। उन्होंने बताया कि हम सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षा सचिवों के संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि इस मुश्किल घड़ी में भी छात्रों की पढ़ाई जारी रहे।