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Friday 1 May 2020 03:31:47 PM
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से जंग में सर्वोपरि डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विभिन्न चिकित्साकर्मी, सफाईकर्मी और पुलिस कार्मिक अपनी अहम एवं अनुकरणीय भूमिका निभा रहे हैं। इनके साहस और सहयोग से ही देश में कोरोना महामारी के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है, इन्हें हम कोरोना वॉरियर्स भी कहते हैं, जो अपनी जान हथेली पर रखकर इस संकट में आगे आकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसीके तहत भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान एवं दिल्ली पुलिस ने दिल्ली पुलिस कार्मिकों के लिए आयुरक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया। 'आयुरक्षा-कोरोना से जंग दिल्ली पुलिस के संग' नाम से संयुक्त कार्यक्रम का लक्ष्य सरल एवं समय की कसौटी पर प्रमाणित आयुर्वेद प्रतिरक्षण बढ़ाने वाले उपायों के जरिए कोरोना के खिलाफ मुकाबला करना है। ये उपाय आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुरूप हैं। च्वयनप्राश मुख्य तत्व के रूपमें आंवला, अनु तैला एवं संशामणि वटी गुडुची से निर्मित्त जैसे अनुशंसित फार्मूलेशन की सरल औषधियां हैं, जो समय सिद्ध हैं और प्रतिरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक रूपसे प्रमाणित हैं।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने वयस्थापना यानी एंटी एजिंग हर्ब के रूपमें गिलोय की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि आयुष मंत्रालय कोविड-19 पॉजिटिव मामलों के लिए पूरक उपचार के रूपमें दी जाने वाली आयुष औषधियों के लिए काम कर रहा है। उन्होंने अग्रिम पंक्ति योद्धाओं के रूपमें दिल्ली पुलिस के प्रयासों की सराहना भी की। दिल्ली पुलिस के आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस के लिए स्वास्थ्य संवर्धन हेतु आयुष मंत्रालय एवं एआईआईए के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सरल आयुर्वेद औषधियों के प्रतिरक्षण बढ़ाने वाले प्रभाव को रेखांकित किया, जो समय सिद्ध और वैज्ञानिक हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि एआईआईए एवं दिल्ली पुलिस का संयुक्त उद्यम अपनी तरह का सबसे बड़ा उद्यम है और दिल्ली पुलिस आयुर्वेद प्रतिरक्षण संवर्धन उपायों के जरिए दिल्ली पुलिस के कार्मिकों जैसे अग्रिम पंक्ति के कोविड योद्धाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक प्रस्ताव लेकर आई है, जिसको चरणबद्ध तरीके से कार्यांवित किया जाएगा।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने संस्थान के निदेशक के तहत 3 प्रमुख समन्वयकों को नामित किया है। एआईआईए के 15 नोडल अधिकारियों की दिल्ली राज्य के 15 जिलों के लिए पहचान की गई है, जो दिल्ली पुलिस के 15 नोडल अधिकारियों के साथ घनिष्ठ समन्वयन में कार्य करेंगे। पहले चरण में सभी क्वारांटाइन वाले पुलिस अधिकारी एवं पदाधिकारी, दूसरे चरण में नियंत्रण जोन में तैनात पुलिस अधिकारी एवं पदाधिकारी, तीसरे चरण में क्वारंटाइन जोन में तैनात पुलिस अधिकारी एवं पदाधिकारी और चौथे चरण में फील्ड में अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं के रूपमें काम करने वाले सभी पुलिसकर्मी शामिल हैं। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने मधुमेह, दबाव, हाइपरटेंशन जैसे अस्वस्थ पुलिस अधिकारियों व पदाधिकारियों की पहचान करने की भी योजना बनाई है, जो कोरोना महामारी के प्रति अतिसंवेदनशील हैं। इन अधिकारियों व पदाधिकारियों की अतिरिक्त सहायता एवं देखभाल की जाएगी।
आयुर्वेद औषधियों को लेने वाले सभी अधिकारियों व पदाधिकारियों के लिए डिजिटल प्रारूप में एक समुचित स्वास्थ्य रिकॉर्ड का रख-रखाव किया जाएगा। इसके लिए आयुष मंत्रालय की प्रश्नावली एवं डिजिटल आरोग्य संजीवनी का उपयोग किया जाएगा। औषधियों के वितरण के लिए विशेष किट तैयार की जाएंगी, जिसमें फार्मूलेशन, उपयोग का तरीका और आयुष मंत्रालय के हिंदी एवं अंग्रेजी में जारी परामर्शी रखा जाएगा। औषधियां आयुष मंत्रालय के तहत सरकारी फार्मेसी से खरीदी जाएंगी। दिल्ली पुलिस के प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक कियोस्क की स्थापना की भी योजना है, जिसमें अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के परामर्शदाता आरंभ में 15 दिन के लिए आहार एवं जीवनशैली संबंधित संपूर्ण जानकारी एवं प्रतिरक्षण को बढ़ावा देने में आयुर्वेदिक प्रतिपादनों की उपयोगिता की व्याख्या की करेंगे। स्वास्थ्य को बढ़ावा देना एवं जीवनशैली की एक स्वस्थ दैनिक आहार नियम से रोगों से बचाव तथा प्रतिरक्षण बढ़ाना ही आयुर्वेद का मूल उद्देश्य है।