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Saturday 2 May 2020 12:34:11 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दुनिया के नवनिर्माण में कामगारों और श्रमिकों के योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी वैश्विक आपदा है, कोरोना को रोकने के लिए इसके संक्रमण की चेन को तोड़ना आवश्यक है, इसके लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसमें सहयोग की अपील करते हुए कहा कि आप सभी का धैर्य, सहयोग, अनुशासन आप सभी सहित आपके परिवार, देश व समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री मई दिवस पर अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के श्रमिकों से संवाद कर रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार कामगारों और श्रमिकों के हितों के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। लगभग 30 लाख श्रमिकों जिन्हें 1000 रुपये की पहली किश्त प्राप्त हो गई है, उन्हें आज से दूसरी किश्त भेजने का काम प्रारम्भ किया जा रहा है। प्रदेश के कोरोना से अप्रभावित क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियां प्रारम्भ कर दी गई हैं, किंतु स्थिति सामान्य होने में अभी कुछ समय लगेगा। उन्होंने कामगारों और श्रमिकों से इस स्थिति में धैर्य रखते हुए लॉकडाउन के नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया वैश्विक महामारी के संकट से गुजर रही है, इसका कोई उपचार अभी तक नहीं आया है, मात्र सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन ही बचाव का रास्ता है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का सर्वाधिक असर श्रमिकों पर पड़ा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशवासियों से बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षित भविष्य के दृष्टिगत समयबद्ध ढंग से कदम उठाए गए हैं, गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं आदि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना बिना भेदभाव के पूरे देश में लागू की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी आपदा के समय में कामगारों व श्रमिकों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। निर्माण श्रमिकों, ठेला, खोमचा, पटरी व्यावसायियों, ई-रिक्शा, रिक्शा चलाने वालों, निराश्रित व्यक्तियों, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से आच्छादित कामगारों यथा नाई, लुहार, मोची, कुम्हार आदि को 1000 रुपये की धनराशि प्रदान की जा रही है, इसके साथ ही खाद्यान्न भी प्रदान किया जा रहा है, अभी तक 30 लाख व्यक्तियों को 1000 रुपये की धनराशि तथा खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 88 लाख मनरेगा मजदूरों का 611 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान कराया गया है, वर्तमान में 8 लाख से अधिक मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन कार्य सुलभ कराया जा रहा है, मनरेगा मजदूरों की मजदूरी भी बढ़ाई गई है। 18 करोड़ लोगों को दो चरणों में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। आज से तीसरे चरण का खाद्यान्न वितरण भी प्रारम्भ किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के इस काल में राज्य सरकार का प्रयास है कि किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या न हो, राज्य सरकार दूसरे प्रदेशों में कार्य करने वाले राज्य के प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को वापस ला रही है। दिल्ली व हरियाणा से 4 लाख कामगार व श्रमिक वापस लाए गए हैं। मध्य प्रदेश से श्रमिकों व कामगारों को आज वापस लाया जा रहा है, इसी प्रकार, गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से भी श्रमिकों व कामगारों को वापस लाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वापस लाए गए प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को क्वारंटीन सेंटर में रखकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा, उसके बाद उन्हें होम क्वारंटीन में भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राशन कार्ड पर पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी उपलब्ध कराई है, इससे प्रदेश का कोई भी राशन कार्ड धारक अन्य राज्य में भी राशन प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के उपचार के लिए राज्य सरकार ने एल-1, एल-2 तथा एल-3 अस्पतालों की स्थापना की है। इन अस्पतालों में 52 हजार बेड की व्यवस्था की गई है, एक माह में इसे चरणबद्ध ढंग से बढ़ाकर एक लाख बेड तक किया जाएगा। वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के दौरान श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मई दिवस पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूपमें मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए कार्य कर रही है। श्रमिकों को राष्ट्र निर्माता बताते हुए उन्होंने देश व प्रदेश के श्रमिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बाबासाहब डॉ भीमराव आंबेडकर के सपनों और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांतों को साकार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कामगारों व श्रमिकों से संवाद भी किया। इस अवसर पर कामगारों व श्रमिकों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री के श्रमिकों के कल्याण एवं हितों के लिए लिए गए निर्णयों और प्रयासों की सराहना करते हुए एक कविता भी पढ़ी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस कार्मिकों का मानवीय पक्ष उभरकर समाज और श्रमिकों के सामने आया है, यहां तक कि वे श्रमिकों की भूख और प्यास की चिंता करते हुए उनके भोजन की व्यवस्था में भी निरंतर लगे हुए हैं और श्रमिकों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बाराबंकी के राजमिस्त्री अमरकेश शर्मा से कहा कि जब श्रमिक और राजमिस्त्री मकान बनाते हैं, तभी लोग उन मकानों में रह पाते हैं। अमर केश शर्मा ने कहा कि पूर्व की सरकारों में पुलिस से डर लगता था, पहले पुलिस वॉरंट और डंडा लेकर आती थी और अब वर्तमान सरकार में पुलिस खाना और राशन उपलब्ध कराकर हम लोगों की सेवा कर रही है। बाराबंकी के वीर भवन ने मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए कहा कि सही मायनों में यह सरकार गरीबों की सरकार है।
अंशु राठौर ने कहा कि यह सरकार जन सरोकारों और श्रमिकों के कल्याण के प्रति समर्पित सरकार है। बरेली के वेद पाल ने कहा कि उन्हें यह आश्चर्य होता है कि मुख्यमंत्री के अंदर वह शक्ति कहां से आई, जिससे उन्होंने लॉकडाउन के दौरान विषम परिस्थितियों में श्रमिकों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कार्रवाई की। झांसी के बृजकिशोर ने मुख्यमंत्री को मई दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें राशन भी मिला है और पैसा भी। मुख्यमंत्री ने बाराबंकी के राजू गुप्ता, झांसी के दुर्जन सिंह, फतेहपुर के अमित कुमार, मऊ के राहुल, सोनभद्र के अशोक कुमार से भी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को पहली किश्त के रूपमें एक-एक हजार रुपए उपलब्ध कराए जा चुके हैं और अब दूसरी किश्त के रूपमें यह धनराशि सभी को उपलब्ध होगी।