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Thursday 7 May 2020 06:12:38 PM
लखनऊ। लखनऊ में बंगीय नागरिक समाज की ओर से आज गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 159वीं जयंती पर लखनऊ में जिलाधिकारी आवास के सामने स्थापित गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा की साज-सज्जा की गई और वहां बंगीय नागरिक समाज के सदस्यों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीपदान भी किया। गुरुदेव जयंती समारोह के संयोजक रहे पीके दत्ता की अगुवाई में सर्वधर्म अनुयायियों मोहम्मद ओसामा, दीपक हाल्दार, पी सेन, एस रॉय, डॉ रंगनाथ मिश्र सत्य ने राष्ट्रगान गाकर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती कार्यक्रम में डॉ रंगनाथ मिश्र सत्य ने कोरोना संकट में प्रेरक कविता प्रस्तुत की। कृष्णानंद राय ने प्रकृति के संरक्षण का संदेश दिया और कहा कि पेड़ों और नदियों से धरती सजती है, यह प्रकृति का अमूल्य वरदान है। पीके दत्ता ने बताया कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली कविता आठ साल की उम्र में लिखी थी, सोलह साल की उम्र से ही उनकी लिखी कहानियां प्रकाशित होने लगी थीं और उन्होंने ही गांधीजी को महात्मा का टाइटल दिया था। पीके दत्ता ने बताया कि रवींद्रनाथ टैगोर की काव्य रचना गीतांजलि के लिए उन्हें 1913 में साहित्य नोबल सम्मान प्रदान किया गया था।
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को वर्ष 1915 में जार्ज पंचम की ओर से नाइट हुड की उपाधि दी गई थी, जिसे उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वापस कर दिया था। भारत के राष्ट्रगान जन गण मन, बंगाल के राष्ट्रगान आमार सोनार बांग्ला और श्रीलंका का राष्ट्रगान भी गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की रचना है। पीके दत्ता ने इस कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए शासन-प्रशासन, एलडीए और नगर निगम को धन्यवाद दिया। बंगीय नागरिक समाज के सदस्यों ने गुरुदेव का पूजन अपने-अपने घरों में भी किया।