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Friday 8 May 2020 11:34:12 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापट्टनम गैस रिसाव हादसे से राहत के प्रयासों का जायजा लिया और प्रभावित लोगों के साथ-साथ आपदा से प्रभावित स्थल को सुरक्षित करने के उपायों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, जी किशन रेड्डी, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। ज़हरीली गैस रिसाव हादसे की सूचना मिलने पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी से बातचीत की तथा हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री हालात पर लगातार नज़र रखे हुए हैं।
कैबिनेट सचिव ने भी बैठक के तुरंत बाद जमीनी स्तर पर हालात के प्रबंधन में सहयोग देने के विशेष कदमों का खाका खींचने के लिए गृह, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, रसायन एवं पेट्रो-रसायन, औषध, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों में सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल में महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, निदेशक एम्स और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक की। जमीनी स्तरपर प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग करने और रिसाव के अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव के समाधान के लिए पुणे से एनडीआरएफ की सीबीआरएन यानी रसायन, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु इकाई के साथ राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान नागपुर का एक विशेषज्ञ दल विशाखापट्टनम को रवाना किया गया।
विशाखापट्टनम के आरआर वेंकटपुरम ग्राम गोपालपटनम मंडल में कल एक रसायन संयंत्र में स्टाइरीन गैस के रिसाव से नरावा, बीसी कॉलोनी, बापूजी नगर, कम्पालापालेम और कृष्णा नगर सहित आसपास के गांव प्रभावित हुए हैं। एनडीआरएफ दल ने घटना स्थल के आसपास रहने वाले लोगों को वहां से निकाल लिया है। जहरीली स्टाइरीन गैस से त्वचा, आंखों में जलन हो सकती है और श्वसन तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को तुरंत सहायता के लिए विशाखापट्टनम से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के साथ ही सीबीआरएन कर्मचारियों का एक दल भी रवाना किया गया था। पुणे से विशेषज्ञ सीबीआरएन इकाई और नागपुर से एनईईआरआई का विशेषज्ञ दल भी विशाखापट्टनम पहुंच चुका है। इसके अलावा डीजीएचएस जमीनी स्तरपर चिकित्सा विशेषज्ञों को विशेष चिकित्सा परामर्श उपलब्ध करा रही है।