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Friday 8 May 2020 01:58:22 PM
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य की औद्योगिक नीति में फिर कुछ संशोधन करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य की विभिन्न उद्योग नीतियों नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसा करते समय यह भी ध्यान रखा जाए कि राज्य में उद्योगों की स्थापना तथा पूंजी निवेश के साथ-साथ अधिकाधिक रोज़गार सृजन भी हो। उन्होंने खेदपूर्वक कहा कि पूंजी निवेश और उद्योग स्थापना में निर्णय लेने में देरी की प्रवृति बड़ी बाधा है, अतः नीतियों में संशोधनों पर त्वरित निर्णय लिए जाएं। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर औद्योगिक एवं रोज़गार प्रोत्साहन नीति-2017, यूपी वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2018, यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी-2017 तथा नई ईएसडीएम पॉलिसी यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी-2020 के प्रस्तुतिकरण पर समीक्षा बैठक में ये दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी नीतियों का उद्देश्य प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देना तथा रोज़गार को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नीतियों में आवश्यक संशोधनों पर शीघ्रता से कार्रवाई करने, थोड़े और आवश्यक परिवर्तन से उत्तर प्रदेश उद्योग स्थापना तथा पूंजी निवेश का अच्छा गंतव्य बनेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बदली हुई वैश्विक परिस्थितियों में भारत में उत्तर प्रदेश पूंजी निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य हो सकता है, इसके लिए हम सभी को सकारात्मक दृष्टिकोण से उपयुक्त नीतियों के साथ तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि निवेशकों को यह संदेश मिलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में उनके लिए निवेश बहुत लाभकारी साबित होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा औद्योगिक इकाइयों को सक्रिय करने, प्रस्तावित इकाइयों को धरातल पर उतारने और नए निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतियों में संशोधन आवश्यक हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2018 में लॉजिस्टिक्स पार्क की भूमि की सीमा को घटाए जाने पर विचार किया जाए, इससे इस सेक्टर के लिए राज्य में लैंड बैंक की उपलब्धता बढ़ेगी, इसी प्रकार औद्योगिक एवं रोज़गार प्रोत्साहन नीति-2017 के तहत मिनी प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क के लिए भी भूमि की सीमा को घटाने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने एसजीएसटी आधारित इन्सेंटिव्स तथा कैपिटल सब्सिडी आदि का अध्ययन कराकर अधिकारियों से उसपर शीघ्र निर्णय लेने को कहा। योगी आदित्यनाथ ने यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी-2017 तथा भारत सरकार की नई ईएसडीएम पॉलिसी को देखते हुए यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी-2020 के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीतियों में संशोधन के संदर्भ में सभी संबंधित अधिकारी समन्वय स्थापित करें।
औद्योगिक नीति समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री का खास जोर इस बात पर था कि जो भी नीतियां बनाई जाएं, वह रचनात्मक परिणामोन्मुख हों और उनका अन्य संबंधित नीतियों से कोई टकराव न हो। उन्होंने कहा कि आखिर हमारा उद्देश्य राज्य का बाधारहित रचनात्मक विकास है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि समन्वय में सभी की बराबर की भूमिका होती है। मुख्यमंत्री की भावना से यह संकेत मिल रहा था कि कहीं न कहीं इसका अभाव है। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, सूक्ष्म, एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद एवं सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, निदेशक सूचना शिशिर और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।