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Friday 8 May 2020 02:03:25 PM
नई दिल्ली। कोविड-19 से लड़ाई में महत्वपूर्ण संसाधनों को उपलब्ध कराने की चुनौती को स्वीकार करते हुए इनोवेशन सेल इंस्टीट्यूट ऑफ नेवल मेडिसिन मुंबई और नेवल डॉकयार्ड मुंबई की एक टीम ने पीपीई का डिजाइन और उत्पादन करने के लिए आपस में समन्वय किया है। भारतीय नौसेना के डिजाइन और उत्पादित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का परीक्षण इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज़ दिल्ली ने किया है, यह डीआरडीओ का एक संगठन है। डीआरडीओ ने इसे पीपीई के परीक्षण और प्रमाणन का काम सौंपा है। यह पीपीई 6/6 सिंथेटिक रक्त प्रवेश प्रतिरोधक दवाब परीक्षण के साथ पारित हुआ।
भारत सरकार आईएसओ 16603 मानक के अनुसार न्यूनतम 3/6 और उससे ऊपर के स्तर को अधिदेशित करती है और तब इनका उपयोग और उत्पादन नैदानिक कोविड स्थितियों में किया जाता है। कोविड-19 महामारी में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि यह स्वास्थ्य देखभाल में लगे कार्यबलों की सुरक्षा और मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के अलावा उनकी भलाई और उपलब्धता को भी खतरे में डालता है। पीपीई को परीक्षण के कड़े मापदंडों को पूरा करना होता है और इसके लिए न्यूनतम मानदंडों का निर्धारण आईसीएमआर और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय करता है।
पीपीई का सहज, अभिनव और लागत प्रभावी डिजाइन इसकी उत्कृष्ट विशेषताएं हैं, इस प्रकार यह बुनियादी गाउन विनिर्माण सुविधा केंद्रों में भी बनाया जा सकता है। यह पीपीई उपयोग किए जाने वाले कपड़ों में अभिनव विकल्प प्रदान करने के लिए उल्लेखनीय है, जो पीपीई को 'सांस लेने की क्षमता' और प्रवेश प्रतिरोधकता प्रदान करता है, जिसके कारण यह उपयोगकर्ता के लिए आरामदायक और सुरक्षित दोनों बन जाता है। इस पीपीई की लागत व्यावसायिक रूपसे उपलब्ध पीपीई की तुलना में बहुत कम है।