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लॉकडाउन अवधि 'भारत में निवास' नहीं जुड़ेगी

लॉकडाउन के कारण भारत में प्रवास की अवधि बढ़ानी पड़ी

आयकर विभाग का 'भारत में निवास' पर स्पष्टीकरण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 9 May 2020 05:15:20 PM

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नई दिल्ली। आयकर अधिनियम-1961 की धारा 6 के तहत ‘भारत में निवास’ के संबंध में आयकर विभाग ने एक स्पष्टीकरण में कहा है कि इस अधिनियम में किसी भी व्यक्ति के प्रवास अवधि से संबंधित प्रावधान विद्यमान हैं। कोई व्यक्ति भारत में निवासी है या अनिवासी है या सामान्य रूपसे निवासी नहीं है, अन्‍य बातों के अलावा उसकी ‌स्थिति इस तथ्‍य पर निर्भर करती है कि वह पूरे एक वर्ष के दौरान कितनी अवधि तक भारत में रहता है। दरअसल आयकर विभाग को कई ज्ञापन प्राप्‍त हुए हैं, जिनमें कहा गया है कि ऐसे अनेक व्यक्ति हैं जो किसी विशेष अवधि के लिए पिछले वर्ष 2019-20 के दौरान भारत यात्रा पर आए थे और भारत में अनिवासी हैं या सामान्य रूपसे निवासी नहीं हैं, के रूपमें अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए पिछले वर्ष की समाप्ति से पहले ही भारत छोड़ देने अथवा यहां से प्रस्‍थान कर जाने का इरादा रखते थे।
कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगने के कारण उन्हें भारत में अपने प्रवास या निवास अवधि को बढ़ाना पड़ा है, इसके मद्देनज़र इस बात पर चिंता व्यक्त की जा रही है कि वे अनायास ही बिना किसी इरादे के भारतीय निवासी बन सकते हैं। इन लोगों को इस तरह की वास्तविक कठिनाई से बचाने के लिए केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने यह निर्णय लिया है, इसके लिए परिपत्र संख्या 11 दिनांक 8 मई 2020 को देखा जाए, जिसमें है कि आयकर अधिनियम की धारा 6 के तहत पिछले वर्ष 2019-20 के दौरान किसी ऐसे व्‍यक्ति की निवास स्थिति का निर्धारण जो 22 मार्च 2020 से पहले भारत की यात्रा पर आया है और 31 मार्च 2020 को या उससे पहले भारत छोड़ने में असमर्थ रहा है तो वैसी दशा में 22 मार्च 2020 से लेकर 31 मार्च 2020 तक भारत में रहने या निवास करने की उसकी अवधि का संज्ञान नहीं लिया जाएगा अथवा उसकी गिनती नहीं की जाएगी।
कोविड-19 के कारण उस व्यक्ति को 1 मार्च 2020 को या उसके बाद भारत में क्‍वारंटाइन किया गया है तथा 31 मार्च 2020 को या उससे पहले एक निकासी उड़ान के जरिए रवाना हो गया है अथवा 31 मार्च 2020 को या उससे पहले भारत छोड़ने में असमर्थ रहा है तो वैसी दशा में उसके क्‍वारंटाइन की शुरुआत से लेकर उसके रवाना होने की तारीख तक या 31 मार्च 2020 तक, इनमें से जो भी हो, उसके रहने या निवास करने की अवधि नहीं जुड़ेगी। आयकर विभाग ने एक और अहम बात कही है वो यह है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान लॉकडाउन जारी है और अभी तक स्पष्ट नहीं है कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का संचालन कबसे शुरू होगा, इसलिए सामान्यीकरण के बाद इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया जाएगा, जिसमें वर्ष 2020-21 के लिए निवास स्थिति के निर्धारण के लिए अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के सामान्यीकरण की तारीख तक इन व्यक्तियों के ठहरने या निवास की अवधि को ध्यान में नहीं रखा जाएगा अथवा उसकी गिनती नहीं की जाएगी।

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